इस ब्लॉग में, आप बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग के बारे में जानेंगे, इसके अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियाँ और इसे रोकने के प्रभावी उपाय।
बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग क्या है?
डैम्पिंग ऑफ एक आम रोग है जो पौधों की अंकुर अवस्था को प्रभावित करता है, जिससे उनकी सड़न और मृत्यु हो जाती है। यह मिट्टी में रहने वाले कवक और कवक-जैसे जीवों के कारण होता है और नम और ठंडे वातावरण में सबसे अधिक फैलता है। यह रोग युवा बैंगन के अंकुरों को प्रभावित करता है, चाहे वे मिट्टी से निकलने से पहले हों या बाद में। इसे मुख्य रूप से पाइथियम (Pythium spp.), फाइटोफ्थोरा (Phytophthora spp.), राइजोक्टोनिया सोलानी (Rhizoctonia solani), और स्क्लेरोटियम रोल्फ़्सी (Sclerotium rolfsii) जैसे मिट्टी जनित रोगाणु पैदा करते हैं। ये कवक गर्म और नम परिस्थितियों में पनपते हैं और संक्रमित मिट्टी, पानी या उपकरणों के माध्यम से तेजी से फैल सकते हैं।
बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग का अवलोकन
संक्रमण का प्रकार |
कवकीय रोग |
सामान्य नाम |
डैम्पिंग ऑफ |
रोगजनक जीव |
पाइथियम आफ़निडर्माटम (Pythium aphanidermatum) |
प्रभावित पौधे के भाग |
बीज, तना, जड़, पत्ते |
बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग के अनुकूल कारक:
- तापमान: अधिकांश डैम्पिंग ऑफ रोग पैदा करने वाले कवक ठंडे तापमान को पसंद करते हैं, जो आमतौर पर 18-24°C (64-75°F) के बीच होता है। यह समस्या शुरुआती वसंत या बिना गर्मी वाले ग्रीनहाउसों में अधिक होती है।
- नमी: कई कवक 50-65°F (10-18°C) तापमान पसंद करते हैं, जिसके कारण यह रोग अक्सर शुरुआती वसंत या देर से शरद ऋतु में अधिक प्रचलित होता है।
बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग के लक्षण:
- बीज अंकुरित नहीं होते।
- अंकुर निकलते हैं लेकिन फिर मुरझाकर गिर जाते हैं।
- अंकुर का तना नरम और सड़नयुक्त हो जाता है।
- तने के आधार पर सफेद या भूरे रंग की कवकीय वृद्धि देखी जा सकती है।
बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग को नियंत्रित करने के उपाय:
जैविक नियंत्रण :
- बीजों को ट्राइकोडर्मा हार्ज़ियानम @ 4 ग्राम/किग्रा या स्यूडोमोनस फ्लोरेसेंस (Pseudomonas fluorescens) @ 10 ग्राम/किग्रा बीज से 24 घंटे पहले उपचारित करें।
- मिट्टी में स्यूडोमोनस फ्लोरेसेंस @ 2.5 किग्रा/हेक्टेयर को 50 किग्रा गोबर की खाद (एफवाईएम) के साथ मिलाएं।
- बीज उपचार के लिए ट्राइकोडर्मा हार्ज़िएनम (Trichoderma harzianum) @ 4 ग्राम/किग्रा बीज या टी. विरिड (T. viride) @ 4 ग्राम/किग्रा बीज का प्रयोग करें, साथ में प्रेसमड @ 5 किग्रा/वर्गमीटर या कार्बोफ्यूरान 3जी (Carbofuran 3G) @ 10 ग्राम/वर्गमीटर का प्रयोग करें।
रासायनिक नियंत्रण:
बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग को विभिन्न रासायनिक कवकनाशकों के उपयोग से नियंत्रित किया जा सकता है:
उत्पाद का नाम (हिंदी में) |
रासायनिक नाम (हिंदी में) |
खुराक |
थायोफेनेट मिथाइल 70% WP |
250-600 ग्राम/एकड़ |
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कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP |
2 ग्राम/लीटर |
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कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% WP |
300-400 ग्राम/एकड़ |
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मेटालैक्सिल 8% + मैनकोजेब 64% WP |
1.5-2 किग्रा/हेक्टेयर |
डैम्पिंग ऑफ रोग से संबंधित FAQs:
प्रश्न: बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग क्या है?
उत्तर: बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग एक बीमारी है जो युवा पौधों को सड़ाकर गिरा देती है। यह मुख्य रूप से अंकुरों को प्रभावित करती है, जिससे वे सही तरीके से विकसित नहीं हो पाते।
प्रश्न: डैम्पिंग ऑफ के लिए सबसे अच्छा कवकनाशी कौन सा है?
उत्तर: कात्यायनी सीओसी 50 बैंगन में डैम्पिंग ऑफ रोग के लिए सबसे अच्छा कवकनाशी है।
प्रश्न: डैम्पिंग ऑफ रोग का कारण क्या है?
उत्तर: मिट्टी जनित कवक जैसे पाइथियम, फाइटोफ्थोरा, राइजोक्टोनिया, और फ्यूजेरियम डैम्पिंग ऑफ रोग का कारण बनते हैं, जिससे अंकुर गिरकर नष्ट हो जाते हैं।
इस ब्लॉग में सडैम्पिंग ऑफ रोग की जानकारी स्पष्ट रूप से दी गई है। यदि आपको यह उपयोगी लगा, तो कृपया अपने विचार कमेंट में साझा करें और इसे अपने किसान मित्रों के साथ जरूर शेयर करें। आपकी राय और अनुभव महत्वपूर्ण हैं!