ख़स्ता फफूंदी एक सामान्य कवक रोग है जो कई प्रकार के पौधों को संक्रमित कर सकता है, जिनमें खीरे, खरबूजे, स्क्वैश और कद्दू जैसे कद्दूवर्गीय पौधे शामिल हैं। यह कवक की कई अलग-अलग प्रजातियों के कारण होता है, लेकिन सबसे आम कवक जो कुकुरबिट्स को प्रभावित करते हैं वे हैं पोडोस्फेरा ज़ैंथी और एरीसिपे सिकोरेसीरम।
- हल्के संक्रमण से उपज में न्यूनतम हानि (5-10%) हो सकती है, जो मुख्य रूप से कॉस्मेटिक गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
- मध्यम संक्रमण: उपज को 15-30% तक कम कर सकता है, जिससे फल के आकार और मात्रा दोनों पर असर पड़ता है।
- गंभीर संक्रमण: इससे उपज में भारी नुकसान (40-70%) हो सकता है, साथ ही विकास रुक सकता है, समय से पहले पत्ते गिर सकते हैं और फल बनने और गुणवत्ता में कमी आ सकती है।
- संक्रमण का प्रकार: रोग
- सामान्य नाम: ख़स्ता फफूंदी
- कारण जीव: पोडोस्फेरा ज़ैंथी
- पौधे के प्रभावित भाग: फल, फूल, पत्तियाँ
कीटों/बीमारियों के लिए पर्यावरणीय अनुकूल कारक:
- गर्म, आर्द्र मौसम
- ख़राब वायु संचार
- भीड़ भरे पौधे
- अतिरिक्त नाइट्रोजन उर्वरक
कीट/रोग के लक्षण:
- पत्तियों, तनों और फलों पर सफेद, चूर्ण जैसा विकास
- पत्तियों का पीला पड़ना और बौना होना
- पत्तियाँ अंततः मुड़ सकती हैं, गिर सकती हैं और मर सकती हैं
- फलों का आकार और गुणवत्ता कम होना
कीट/रोगों पर नियंत्रण के उपाय:
उत्पादों | तकनीकी नाम | खुराक |
SULVET | सल्फर 80% डब्ल्यूडीजी | 750 से 1000 ग्राम प्रति एकड़ |
AZOXY | एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 23% एससी | 200 मिली/एकड़ |
Samartha | कार्बेन्डाजिम 12 % + मैंकोजेब 63 % WP | प्रति एकड़ 300-400 ग्राम |
KTM | थायोफैनेट मिथाइल 70% WP | 250-600 ग्राम प्रति एकड़ |