Uses and Benefits of Mycorrhiza Fertilizer

माइकोराइजा उर्वरक के उपयोग और लाभ

माइकोराइजा का अर्थ "फंगस-रूट" है, जो पौधों के स्वाभाविक साथी होते हैं। ये छोटे कवक पौधों की जड़ों के साथ साझेदारी करके पोषण अवशोषण, पानी की उपलब्धता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। किसानों के लिए, कात्यायनी भूमि राजा एक मायकोराइजा जैव उर्वरक है, जो फसल उत्पादन को स्थायी रूप से बढ़ाने के लिए एक प्रभावी समाधान है।

माइकोराइजा उर्वरक क्यों उपयोग करें?

  • प्राकृतिक रूप से फसल उत्पादन बढ़ाता है।
  • रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करता है।
  • सूखा और रोग जैसी समस्याओं से पौधों की रक्षा करता है।
  • लंबे समय तक मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है।
  • जड़ विकास

कात्यायनी भूमिराजा: किसान का विश्वसनीय साथी

भूमिराजा

कात्यायनी भूमिराजा एक सांद्रित वेसिकुलर-आर्बस्कुलर मायकोराइजा (VAM) जैव उर्वरक है, जो पौधों की जड़ों के साथ प्राकृतिक संबंध बनाता है। यह मिट्टी के नीचे काम करता है:

  • पौधों की जड़ों को मजबूत करता है।
  • पोषक तत्वों और पानी के अवशोषण में सुधार करता है।
  • मिट्टी जनित रोगों से पौधों की रक्षा करता है।

मायकोराइज़ल बायोफर्टिलाइज़र का वर्गीकरण

  • प्रकार: मायकोराइज़ल बायोफर्टिलाइज़र
  • मुख्य जीव: वेसिक्युलर-अर्बसकुलर मायकोराइज़ा (VAM)
  • उद्देश्य: मिट्टी की उर्वरता, पोषक तत्वों का अवशोषण, और पौधों की वृद्धि में सुधार।

कृषि में माइकोराइजा के प्रकार

कृषि में उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख प्रकार के मायकोराइज़ा होते हैं:

  1. एक्टोमायकोराइज़ा: यह पौधों की जड़ों के चारों ओर एक आवरण बनाते हैं, लेकिन जड़ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं करते हैं। ये कृषि प्रणालियों में कम सामान्य होते हैं।
  2. एंडोमायकोराइज़ा (जिसमें अर्बसकुलर मायकोराइज़ा शामिल है): यह कृषि में सबसे प्रचलित प्रकार है, ये फफूंद जड़ कोशिकाओं में प्रवेश करके अर्बुस्कुल्स नामक संरचनाओं का निर्माण करते हैं, जो पोषक तत्वों के आदान-प्रदान में मदद करते हैं।

माइकोराइजा कृषि फसलों में कैसे काम करता है?

  • पोषक तत्व अवशोषण में सुधार: फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और अन्य खनिजों का कुशलतापूर्वक अवशोषण करता है।
  • पानी के अवशोषण को बढ़ाना : सूखे में भी फसलों को हाइड्रेट रखता है।
  • मिट्टी की सेहत में सुधार: सूक्ष्मजीव गतिविधि को बढ़ाता है।
  • तनाव सहनशीलता: सूखा और पोषक तत्वों की कमी के दौरान पौधों की रक्षा करता है।
  • कार्बन चक्र: मिट्टी संरचना में सुधार करते हुए बेहतर कार्बन अवशोषण करता है।

मायकोराइजा से किसानों को लाभ

  • मिट्टी की वायु-संचार और जल रिसाव में सुधार करता है।
  • जड़ विकास और मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
  • सूखा, पोषक तत्वों की कमी, और रोगों से तनाव कम करता है।
  • फसल में जैव द्रव्य और फूलों की संख्या बढ़ाता है।

लक्षित फसलें

  • अन्न फसलें: धान, गेहूं, ज्वार, सरसों, मक्का।
  • दलहनी फसलें: सोयाबीन, मटर, दालें।
  • वाणिज्यिक फसलें: कपास, गन्ना।
  • पारंपरिक फसलें: चाय, कॉफी, नारियल, केला।
  • सब्जियाँ और मसाले: हल्दी, इलायची, काली मिर्च, प्याज, लहसुन, मिर्च, टमाटर, और अन्य।

मात्रा :

प्रति एकड़ 4-8 किलोग्राम भूमिराजा का प्रयोग।

विधि: सीधे खेत में छिड़काव करें या समान वितरण के लिए दानेदार उर्वरकों के साथ मिला कर उपयोग करें।

समय: फसल की शुरुआती वृद्धि अवस्था में डाले |

कात्यायनी भूमिराजा क्यों चुनें?

  • पर्यावरण-संवेदनशील समाधान
  • पोषक तत्वों का अवशोषण में सुधार
  • मिट्टी की सेहत में सुधार
  • लागत-कुशल

निष्कर्ष

मायकोराइज़ा के बेमिसाल लाभ, जैसे कि पोषक तत्वों का चक्रीकरण, तनाव सहनशीलता, और रोग प्रतिरोधक क्षमता, किसानों को अपने फसलों की पूरी क्षमता को अनलॉक करने और मिट्टी की सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं। कात्यायनी भूमिराजा का उपयोग करके, किसान अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव को कम कर सकते हैं।

सामान्य प्रश्न (FAQs)

प्र. मायकोराइज़ा क्या है?

उ. माइकोराइजा कवक और पौधों की जड़ों के बीच का सहजीवी संबंध है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण, पानी ग्रहण और पौधों की सहनशीलता को बढ़ाता है।

प्र. किसानों को माइकोराइजा उर्वरक का उपयोग क्यों करना चाहिए?

उ. मायकोराइज़ा उर्वरक पर्यावरण-समर्थक होते हैं, फसल की उपज बढ़ाते हैं, रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करते हैं, और पौधों की तनाव सहनशीलता बढ़ाते हैं।

प्र. कात्यायनी भूमिराजा क्या है? 

उ. कात्यायनी भूमिराजा एक वेसिक्युलर-अर्बसकुलर मायकोराइज़ा (VAM) बायोफर्टिलाइज़र है, जो मिट्टी की सेहत में सुधार करता है और फसल की उत्पादकता बढ़ाता है।

प्र. मायकोराइज़ा कृषि फसलों को कैसे लाभ पहुँचाता है?

उ. मायकोराइज़ा पोषक तत्वों के अवशोषण, पानी ग्रहण, मिट्टी की सेहत और तनाव सहनशीलता में सुधार करता है, जिससे फसल की वृद्धि और सहनशीलता बढ़ती है।

प्र. कात्यायनी भूमिराजा से कौन-कौन सी फसलें लाभान्वित होती हैं?

उ. यह धान, गेहूं, मक्का, सोयाबीन, कपास, चाय, नारियल, हल्दी, मिर्च, टमाटर और अन्य फसलों के लिए लाभकारी है।

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