Watermelon Farming: Easy Tips for Achieving 20 Tons Yield Per Acre

तरबूज की फसल: एक एकड़ में 20 टन तक उत्पादन के आसान उपाय।

तरबूज की खेती भारत में किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय है। सही समय पर बुवाई, उन्नत किस्मों का चयन, और वैज्ञानिक तकनीकों के इस्तेमाल से किसान 1 एकड़ में उच्च पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इस ब्लॉग में हम तरबूज की फसल के हर एक पहलू पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जैसे कि मिट्टी की तैयारी, उर्वरक प्रबंधन, और फसल कटाई।

तरबूज की फसल के प्रकार

तरबूज को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में विभाजित किया जाता है:

जुबली ओवल (Jubilee Oval):

  • हरे रंग के तरबूज जिन पर गहरे हरे रंग की धारियां होती हैं।
  • वजन: 8-10 किलोग्राम।

शुगर बेबी (Sugar Baby):

  • गोल आकार के तरबूज, जिनका वजन 3-5 किलोग्राम होता है।

आइस बॉक्स (Ice Box):

  • गहरे काले रंग का तरबूज, जिसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है।
  • TSS: 12-14%।

तरबूज की फसल उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु

  • मिट्टी की आवश्यकताएं: तरबूज की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0-7.5 के बीच होना चाहिए।
  • जलवायु की आवश्यकताएं: तरबूज गर्म और शुष्क जलवायु में सबसे अच्छा उगता है। दिन में पर्याप्त धूप और रात में हल्की ठंडक फसल के लिए अनुकूल होती है।

भूमि तैयारी और बुवाई का सही समय (Land Preparation and Sowing Time)

भूमि की तैयारी:

 

  • खेत की गहरी जुताई करें।
  • मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए 2 बार कल्टीवेटर और 1 बार रोटावेटर चलाएं।
  • बेड की चौड़ाई: 3 फीट
  • बेड के बीच की दूरी: 5-6 फीट
  • बेड को जमीन से 1 फीट ऊंचा बनाएं।

 

बुवाई का समय:

तरबूज की बुवाई का सबसे उचित समय दिसंबर से जनवरी के बीच होता है।

तरबूज के बीज और उपचार करने की विधि

  • बीज दर: प्रति एकड़ 800-1000 ग्राम।
  • बीज उपचार: बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करें, ताकि जड़ गलन और अन्य बीमारियों से बचाव हो सके।

उर्वरक प्रबंधन और मल्चिंग की जानकारी

बेसल डोज प्रति एकड़

  • DAP: 50 किलो।
  • SSP: 100 किलो।
  • MOP: 20 किलो।
  • चिलेटेड मिक्स माइक्रोन्यूट्रिएंट्स: 100 ग्राम।
  • नीम खली या सरसों खली।

मल्चिंग के फायदे:

  • खरपतवार की रोकथाम।
  • पानी और पोषक तत्वों की बचत।
  • मिट्टी में नमी बनाए रखना।

मल्चिंग का खर्च:

एक एकड़ में मल्चिंग का खर्चा लगभग ₹15,000-₹20,000 आता है।

तरबूज के लिए फर्टिगेशन और ड्रेंचिंग का शेड्यूल

पहली ड्रेंचिंग (रोपाई के तुरंत बाद):

दूसरी ड्रेंचिंग (15-20 दिन बाद):

तीसरी ड्रेंचिंग (30-35 दिन बाद):

चौथी ड्रेंचिंग (45-50 दिन बाद):

पांचवी ड्रेंचिंग (60-70 दिन बाद):

तरबूज फसल की हार्वेस्टिंग और उपज

  • हार्वेस्टिंग का सही समय: तरबूज की कटाई मार्च से अप्रैल के बीच की जाती है।
  • एक एकड़ में उपज: एक एकड़ में लगभग 18-20 टन तरबूज का उत्पादन हो सकता है।

निष्कर्ष

तरबूज की खेती सही तरीके और उन्नत तकनीकों का उपयोग करके बेहद लाभदायक हो सकती है। किसानों को मिट्टी, जलवायु, उर्वरक, और सिंचाई का सही प्रबंधन करना चाहिए। तरबूज की फसल से जुड़ी किसी भी अन्य जानकारी के लिए हमें कमेंट में बताएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q. तरबूज की फसल में कितना समय लगता है?

A. तरबूज की फसल में लगभग में 90 दिन लगते हैं।

Q. तरबूज की खेती लाभदायक है?

A. हां, सही तकनीकों और समय पर बुवाई से तरबूज की खेती अत्यधिक लाभदायक है।

Q. 1 एकड़ में कितना तरबूज उगाया जा सकता है?

A. एक एकड़ में 18-20 टन तरबूज उगाया जा सकता है।

Q. तरबूज की हार्वेस्टिंग किस महीने में की जाती है?

A. तरबूज की हार्वेस्टिंग मार्च-अप्रैल के बीच की जाती है।

Q. तरबूज के बीज इतने महंगे क्यों होते हैं?

A. तरबूज के बीज उच्च गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ आते हैं, जिससे उनकी कीमत अधिक होती है।

Q. तरबूज पर क्या स्प्रे करें?

A. कीट और रोग नियंत्रण के लिए ऊपर सुझाव दि गई दवाई का छिड़काव करें।

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