मिर्च की फसल में प्रमुख रोग और उनके नियंत्रण के विषय में जानिए!
किसान भाइयों, मिर्च की फसल की खेती पूरी दुनिया में की जाती है। मिर्च की खेती भारत में तीनों मौसमों में की जाती है। अगर आप मिर्च की खेती करते हैं, तो आप अच्छी आय कमा सकते हैं। यह खेती आप किसी भी क्षेत्र में कर सकते हैं। मिर्च की खेती से पैसे कमाना सरल है, क्योंकि इसका विपणन बाजार में पूरे साल करीब रहता है। मिर्च तीखे स्वाद के कारण सब्जियों, अचार, मसालों, औषधियों और सॉस आदि के निर्माण में उपयोग होती है। हालांकि, मिर्च की खेती में आपको रोगों और कीटों का प्रबंधन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आइए, आज हम मिर्च की फसल में प्रमुख रोगों के बारे में और उनके नियंत्रण के बारे में चर्चा करें।
भारत में मिर्च की खेती करने वाले राज्यों की सूचना |
हरी मिर्च और लाल मिर्च की खेती करने वाले राज्यों के नाम जैसे - राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश हैं। ये राज्य मिर्च की विभिन्न किस्मों (मिर्ची की प्रकार) की खेती करके प्रति एकड़ में 250 से 300 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। इनमें लाल मिर्च, हरी मिर्च, पीली मिर्च, काली मिर्च, शिमला मिर्च, कश्मीरी मिर्च, गुंटूर मिर्च, कश्मीरी लाल मिर्च आदि प्रमुख हैं।
मिर्च की फसल में रस चूसक कीटों का नियंत्रण जानें!
मिर्च की फसल में आने वाले रस चूसक कीटों को नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में जानें!
मिर्च में प्रमुख रोगों का नियंत्रण जानें | मिर्च के रोग नियंत्रण
अब हम मिर्च की फसल में होने वाले कुछ प्रमुख रोगों के नियंत्रण के बारे में विस्तार से जानेंगे -
- भभूतिया रोग (पाउडरी माइल्ड्यू रोग)
- ब्लॉसम एंड रॉट (ब्लॉसम एंड रॉट)
- एन्थ्रेक्नोज़ रोग (एन्थ्रैकनोस रोग)
मिर्च में भभूतिया रोग की पहचान | powdery mildew disease
- मिर्च की फसल में पाए जाने वाले यह रोग वायुमंडलीय रोग होते हैं। इस रोग के प्रकोप के साथ पत्तियों की ऊपरी सतह पर सफेद पॉउडर दिखाई देता है, और निचले हिस्से और तनों पर सफेद चूर्ण के दाग प्रकट होते हैं। इस रोग के प्रभाव से पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं, और यह रोग नम वातावरण में ज्यादा फैलता है।
मिर्च में भभूतिया रोग का नियंत्रण | पाउडरी माइल्ड्यू रोग की नियंत्रण
इसके नियंत्रण के लिए निम्नलिखित तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है -
- मिर्च में ब्लॉसम एंड रॉट रोग के लक्षण | फूल के आखिरी हिस्से में कीड़ों की परेशानी
- मिर्च की फसल में पायी जाने वाली ब्लॉसम एंड रॉट बीमारी के लक्षण के बारे में - यह रोग मिर्च के फलों के नोक पर होता है, और इससे फलों की अवस्था प्रभावित होती है। जब इस रोग के प्रकोप का प्रारंभ होता है, तो मिर्च के फलों की त्वचा पर काले धब्बे दिखाई देते हैं, लेकिन बाहरी दिखने में पौधों की स्वास्थ्यपूर्ण दिखती हैं। जब इस रोग से प्रभावित फलों को काटते हैं, तो उनकी आंतरिक दिशा में मैला या धब्बे दिखते हैं, जिसके कारण उनका स्वाद भी खराब होता है।
मिर्च में ब्लॉसम एंड रॉट रोग के कारण -
- यह रोग मिर्च की फसल में कैल्शियम की कमी के कारण होता है। इसके अलावा, मिट्टी में पीएच मान की कमी, फलों की प्रारंभिक विकसित होने की अवस्था में पानी की कमी, और पौधों की जड़ों में नुकसान होने के कारण भी यह रोग हो सकता है।
मिर्च की फसल में ब्लॉसम एंड रॉट रोग का नियंत्रण | ब्लॉसम एंड रॉट रोग नियंत्रण
- मिट्टी में कैल्शियम नाइट्रेट की मात्रा 3 से 5 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से मिट्टी में मिलाना चाहिए।
मिर्च की एन्थ्रेकनोज रोग (Anthracnose disease)
एन्थ्रेकनोज रोग अधिकतर गर्मियों और ज्यादा आर्द्रता वाली परिस्थितियों में पाया जाता है। इस रोग से प्रभावित पौधों के प्रभावित भागों पर काले धब्बे दिखाई देते हैं। टमाटर पर इन धब्बों का आमतौर पर गोलाकार आकृति, भीगे हुए और काले धारियों वाला होता है। ज्यादातर धब्बे पकने से पहले ही फलों से गिर जाते हैं, जिसके कारण फसल की पैदावार में कमी आती है।
मिर्च की फसल में होने वाले प्रमुख रोगों और उनके नियंत्रण (Chilli crop disease control) के बारे में यह लेख पढ़ने के बाद आपकी राय क्या है, यह हमें कमेंट में बताएं, और इस लेख को आप अपने अन्य किसान मित्रों के साथ भी साझा करना न भूलें। धन्यवाद!