फल मक्खियाँ, विशेष रूप से तरबूज मक्खी (बैक्ट्रोसेरा कुकुर्बिटा) और कद्दू मक्खी (बैक्ट्रोसेरा ट्राइओनी), कद्दू की फसलों के प्रमुख कीट हैं, जिनमें खीरे, खरबूजे, कद्दू, स्क्वैश और लौकी शामिल हैं। ये मक्खियाँ विकसित हो रहे फलों के अंदर अपने अंडे देती हैं, जहाँ से निकलने वाले कीड़े उनके गूदे को खाते हैं, जिससे फल विपणन योग्य और अखाद्य हो जाता है। लगभग एक सप्ताह के बाद प्यूपा से वयस्क निकल आते हैं। फल मक्खियाँ घर में उपद्रव कर सकती हैं, लेकिन वे मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं हैं। अपनी रसोई को साफ-सुथरा और अधिक पके फलों और सब्जियों से मुक्त रखकर इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। इन्हें पकड़ने के लिए आप जाल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- संक्रमण का प्रकार: कीट
- सामान्य नाम: फल मक्खी
- कारण जीव: बैक्ट्रोसेरा कुकुर्बिटे
- पौधे के प्रभावित भाग: फल
पहचान:
- आकार: अधिकांश फल मक्खियाँ छोटी होती हैं, जिनकी लंबाई 2-3 मिमी तक होती है।
- शरीर: आमतौर पर खंडित पेट के साथ अंडाकार आकार का।
- रंग: प्रजाति के आधार पर भिन्न होता है, लेकिन आमतौर पर पीला-भूरा, भूरा या काला होता है।
- आंखें: बड़ी और उभरी हुई, अक्सर लाल लेकिन भूरी या काली भी हो सकती हैं।
- पंख: अलग-अलग नसों के साथ पारदर्शी, आराम करते समय आमतौर पर शरीर पर सपाट रहते हैं।
कीटों/बीमारियों के लिए पर्यावरणीय अनुकूल कारक:
- गर्म तापमान: फल मक्खियाँ सबसे अधिक सक्रिय होती हैं और 25°C से 35°C तक के तापमान वाले गर्म जलवायु में तेजी से विकसित होती हैं। ठंडा तापमान उनके विकास और गतिविधि को धीमा कर देता है।
- उच्च आर्द्रता: मध्यम से उच्च आर्द्रता का स्तर (लगभग 60-80%) अंडे देने और कीड़ों के जीवित रहने में सहायक होता है। शुष्क परिस्थितियाँ उनके विकास में बाधा डाल सकती हैं और अंडों की मृत्यु दर को बढ़ा सकती हैं।
कीट/रोग के लक्षण:
- फल की सतह पर छोटे-छोटे छिद्रित घाव
- घावों से रस या भूरा, रालयुक्त तरल पदार्थ निकलना
- विकृत एवं कुरूप फल
- समय से पहले फल गिरना
- फल के अंदर कीड़े दिखाई दे रहे हैं
कीट/रोगों पर नियंत्रण के उपाय:
उत्पादों |
तकनीकी नाम |
खुराक |
MAL50 | मैलाथियान 50% ईसी | प्रति एकड़ 250-300 मि.ली |
Chloro 50 | क्लोरपायरीफॉस 50% ई.सी | प्रति एकड़ 400 मि.ली |
Docter 505 | क्लोरोपाइरीफॉस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी | प्रति एकड़ 300 मि.ली |