भारतीय टमाटर: विविधता और प्रजातियाँ🍅

भारतीय टमाटर: विविधता और संरचनाएँ🍅

 🍅मैटर की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के पेरू में हुई है।
यह भारत की महत्वपूर्ण व्यावसायिक सब्जी है।
आलू के बाद यह दुनिया की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है।
फलों को कच्चा या पकाकर खाया जाता है।
यह विटामिन ए, सी, साबुत अनाज और खनिजों का समृद्ध स्रोत है


   

प्रति वर्ष

          वर्षा

बटाई का तापमान

कटाई का प्रतिशत

10-25°C

400-600 मिमी

15-25°C

             10-15°C



🍅मिट्टी :

इसे बलुई डोमेट से लेकर टकसाल मिट्टी, काली मिट्टी और जल आभूषण वाली लाल मिट्टी तक विभिन्न प्रकार की मिट्टी में सजाया जा सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल सामग्री वाली अच्छी जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी में ओबे जाने पर यह सर्वोत्तम परिणाम देता है। अच्छी वृद्धि के लिए मिट्टी का मिश्रण 7-8.5 होना चाहिए। यह मध्यम अम्लीय और लवणीय मिट्टी को सहन कर सकता है। अधिक अम्लीय मिट्टी में खेती करने से परहेज। अगेती एंटरप्राइज़ के लिए फ़्लोरिडा मिठाइयाँ उपयोगी हैं, वहीं भारी निर्माण के लिए मोटली दोमैट और गैड-डोमैट मिट्टी उपयोगी है।


🍅टमाटर की लोकप्रिय सलमान खान और उनकी उपज


🍅 पंजाब रत्ता: 125 दिन बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार। 225 क्लासिक प्रति भिक्षु की औसत उपज देता है। यह कंपनी अधिकृत है।


🍅पंजाब छुहारे: फल बीज घटक, भोजन के आकार के, लाल और मोटी दीवार या छिलके वाले पक्के होते हैं। कटिंग के बाद 7 दिनों तक विपणन योग्य गुणवत्ता वाली बनी रहती है और इस प्रकार यह लंबी दूरी के परिवहन और ऑटोमोबाइल के लिए उपयुक्त है। इसकी औसत उपज 325 ऑलवेज प्रति बैरल है।

 

🍅पंजाब अलौकिक: उपचारों की मंजिल लगभग 100 सेमी है। 141 दिन में कटाई की तैयारी। फल बड़े आकार और गोल आकार के होते हैं, ये गुच्छों में शामिल होते हैं। 90-95 अनमोल प्रति भिक्षु की औसत उपज देता है।


🍅पंजाब उपमा: गुलाब के मौसम में खेती के लिए उपयुक्त। फल मध्यम आकार के और गहरे लाल रंग के होते हैं। 220 अनमोल प्रति भिक्षु की औसत उपज देता है।


🍅पंजाब पाइथन -7 : मध्यम आकार के रसदार फल वाली बौनी पिक्चर। यह फ्रैम्बेरियम विल्ट और रूट नॉट नेमाटोड के प्रति प्रतिरोधी है। 175-180 शाही प्रति नानक की औसत उपज देता है।


🍅पंजाब रेड चेरी: पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित। इन चेरी टमाटरों का उपयोग कीज़ में किया जाता है। ये गहरे लाल रंग के हैं और भविष्य में ये पीले, नारंगी और गुलाबी रंग में उपलब्ध होंगे। बुआई अगस्त या सितंबर में होती है और पौधा फरवरी में कटाई के लिए तैयार हो जाता है और जुलाई तक उपज देता है। प्रारंभिक उपजी 150 और कुल उपजी 430-440 इसकी मूल प्रतिकृति है।


🍅पंजाब वरखा बहार 2: 100 दिन बाद काटने की तैयारी। यह फ़्लफ़ फ़्लेक विषाणु के प्रति-प्रतिरोधी है। 215 नावल/एकेड की औसत उपज देता है।


🍅पंजाब वरखा बहार 1: बीमारी के बाद, 90 दिन में कटाई की तैयारी। यह वर्षा ऋतु में बिक्री के लिए उपयुक्त है। यह फ़्लेफ़ टर्न वाले विष्णु के प्रति उपकरण क्षमता प्रदान करता है। 215 क्लासिक प्रति भिक्षु की औसत उपज देता है।


🍅पंजाब गोल्डन: 2018 में जारी। इसमें गहरे हरे रंग के पत्ते हैं। इसके फलों का आकार अलग-अलग रंग का होता है और आकार मध्यम होता है। पहली तुड़ाई प्यार के 120 दिन बाद करनी चाहिए। मार्च के अंत तक इसकी औसत उपज 166 औसत प्रतिकृति है और कुल उपजी 1087 औसत प्रतिकृति है। यह डेज़र्ट टेबल प्रॉस्पेक्टस के लिए उपयुक्त है।

🍅टीएच-1: 2003 में जारी। फल गहरा लाल रंग के, गोल सख्त और लगभग 85 ग्राम वजन के होते हैं। इसकी औसत उपज 245 औसत प्रतिकृति है।

🍅पंजाब गोल्डन: 2018 में जारी। इसमें गहरे हरे रंग के पत्ते हैं। इसके फलों का आकार अलग-अलग रंग का होता है और आकार मध्यम होता है। पहली तुड़ाई प्यार के 120 दिन बाद करनी चाहिए। मार्च के अंत तक इसकी औसत उपज 166 औसत प्रतिकृति है और कुल उपजी 1087 औसत प्रतिकृति है। यह डेज़र्ट टेबल प्रॉस्पेक्टस के लिए उपयुक्त है।


🍅 एचएस 101 : उत्तर भारत में समुद्र तट के लिए उपयुक्त। उपचार बाउने हैं. फल गोल एवं मध्यम आकार के एवं रसदार होते हैं। फल गुच्छों में शामिल हैं. यह टमाटर लीफ कर्ल वायरस का प्रति-प्रतिवादी है।


🍅 एचएस 102: प्रारंभिक व्यंजन वाली मंजिल। फल छोटे से मध्यम आकार के, गोल और रसदार होते हैं।

🍅गोल्डन बैभव हाइब्रिड: पंजाब, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में खेती के लिए आदर्श। इसकी बटाई सितंबर-अक्टूबर में मिलती है। फलों की गुणवत्ता अच्छी होती है इसलिए यह लंबी दूरी के परिवहन और ऑटोमोबाइल के लिए उपलब्ध होते हैं। 360-400 क्लासिक प्रति नानक उप-विजेता देता है।

🍅स्वर्ण संजोग: पंजाब, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में खेती के लिए मान्यता। बटाई के लिए उपयुक्त समय अगस्त-सितंबर और फरवरी-मई है। यह जीवाणु मुरझान और अगेती झुलसा रोग के प्रतिप्रतिरोधी है। इसकी उपज 400-420 क्लासिक प्रतिकृति है।

🍅 किक्रुथ: एवेलपमेंट्स की ज़मीन लगभग 100 सेमी है। 136 दिन में कटाई की तैयारी। फल मध्यम से बड़े आकार, गोल आकार, गहरे लाल रंग के होते हैं।

🍅 किक्रुथ एगेटी: उपचार की गहराई लगभग 100 सेमी है। फल मध्यम से बड़े आकार के, गोल आकार के, हरे किनारे वाले होते हैं जो मसाले पर गायब हो जाते हैं।

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