मूंग की खेती में कौन सा खाद डालें: ज्यादा पैदावार पाने का राज

मूंग की खेती में कौन सा खाद डालें: ज्यादा पैदावार पाने का राज

मूंग (Green Gram) दलहनी फसल है, जो कम समय में अधिक उत्पादन देने वाली पोषक तत्वों से भरपूर फसल मानी जाती है। मूंग की खेती सही खाद और उर्वरक प्रबंधन से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उचित खाद प्रबंधन फसल की गुणवत्ता, उत्पादन और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मूंग की खेती

मूंग की खेती की जानकारी

मूंग गर्मियों और खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख दलहनी फसल है। यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में सहायक होती है क्योंकि इसकी जड़ों में राइजोबियम बैक्टीरिया पाया जाता है, जो मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाता है। मूंग की अच्छी पैदावार के लिए उचित खाद और उर्वरक का प्रबंधन करना आवश्यक है।

मूंग की खेती में खाद प्रबंधन

मूंग की खेती में खाद का सही प्रबंधन फसल की उपज और गुणवत्ता को प्रभावित करता है। आइए जानते हैं कि मूंग की फसल में कौन-कौन से खाद का उपयोग करना चाहिए:

भूमि की तैयारी

1. जैविक खाद

  • गोबर की खाद: 8-10 टन प्रति एकड़ मिट्टी की तैयारी के समय मिलाएं।
  • वर्मी कम्पोस्ट: 2-3 क्विंटल प्रति एकड़।
  • नीम खली: मिट्टी में रोग और कीटों को रोकने के लिए।

बुवाई से पहले मिट्टी तैयार करते समय जैविक खाद मिलाएं।

मूंग की बुवाई के समय खाद-

रासायनिक उर्वरक

पोषक तत्व

उर्वरक का नाम

नाइट्रोजन (N)

यूरिया (20-25 किलो/ एकड़ )

फास्फोरस (P)

SSP (100 किलो/ एकड़)

पोटाश (K)

MOP (20 किलो/ एकड़)

भुमिराजा माइकोराइजा ( 4 किलो/ एकड़)

लाइन के साथ बुवाई के समय रासायनिक खाद(यूरिया, सिंगल सुपर फास्फेट और पोटाश) को डाले।

बेहतर उपज के लिए मूंग उर्वरक अनुसूची

वनस्पति अवस्था (15 - 20 दिन) -

  • मिट्टी में डाले - 20 kg यूरिआ
  • जिंक सल्फेट: 4-5 किलो प्रति एकड़
  • ह्यूमिक एसिड - 2 Kg / एकड़

छिड़काव करे -

  • कात्यायनी एनपीके 19 19 19 - 750 gm / Acre
  • कात्यायनी समुद्री शैवाल - 300 ml / Acre

यह पौधों की वृद्धि - विकास और हरे पत्ते को बढ़ावा देता है

फूल अवस्था (30 दिन)

छिड़काव करे -

  • कात्यायनी एनपीके 00:52 :34 - 750 gm / Acre
  • कात्यायनी भन्नाट - 250 ml / Acre

35 दिन में - छिड़काव करे -

  • कात्यायनी कैल्शियम नाइट्रेट - 450 gm / Acre
  • कात्यायनी बोरोन 20% EDTA - 150 gm / Acre

यह फूलों की मात्रा बढ़ाने, फूलो और फलियों का अच्छा विकास करने में मदद करता है, फूलों और फलो को गिरने से रोकता है|

फली निर्माण अवस्था (40 दिन)

छिड़काव करे -

  • कात्यायनी एनपीके 13:00:45 - 750 gm / Acre
  • सूक्ष्म पोषक तत्व - 100 gm / Acre
  • कात्यायनी प्रो ग्रो (जिबरेलिक एसिड 0.001% एल) - 250 ml / Acre

यह फलियों का विकास करने और दाना भरने में मदद करता है

फली विकास अवस्था (45 - 50 दिन)

छिड़काव करे-

  • कात्यायनी एनपीके 00:00 :50 - 750 gm / Acre

यह फली में दाने का आकार बनाने में, दाने में चमक लाने में, दाने का वजन बढ़ाने में मदद करता है

मूंग में खाद प्रबंधन के फायदे

  • पैदावार में वृद्धि।
  • मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना।
  • पौधों की स्वस्थ वृद्धि।
  • पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है ।
  • उत्पादन को बढ़ाता है

निष्कर्ष

मूंग की खेती में खाद और उर्वरक प्रबंधन से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है। जैविक और रासायनिक खाद का संतुलित उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और फसल स्वस्थ रहती है। सही समय पर खाद डालने से मूंग की फसल से बेहतर पैदावार प्राप्त की जा सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्र. मूंग की खेती में कौन सा खाद डालना चाहिए?

उ. मूंग की खेती में गोबर की खाद, यूरिया, SSP, जिंक सल्फेट और राइजोबियम कल्चर का उपयोग करना चाहिए।

प्र. मूंग की फसल में पत्तियां पीली क्यों हो जाती हैं?

उ. मूंग की फसल में पत्तियां पीली होने का मुख्य कारण नाइट्रोजन और जिंक की कमी होती है।

प्र. मूंग की खेती के लिए मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व आवश्यक हैं?

उ. मूंग की खेती के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक और बोरॉन आवश्यक पोषक तत्व हैं।

प्र. मूंग की फसल के लिए जैविक खाद कब डालना चाहिए?

उ. बुवाई से पहले खेत की तैयारी के समय जैविक खाद डालनी चाहिए।

प्र. एकड़ में मूंग की कितनी पैदावार होती है?

उ. 1एकड़ में औसतन 4-6 क्विंटल (400-600 किग्रा) मूंग की पैदावार होती है। यह उत्पादन बीज की गुणवत्ता, खाद प्रबंधन, सिंचाई और कीट नियंत्रण पर निर्भर करता है।

प्र. मूंग की खेती से कितनी कमाई होती है?

उ. मूंग की खेती से 1 एकड़ में लगभग ₹20,000 से ₹40,000 तक का मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है, जो फसल उत्पादन, बाजार मूल्य और लागत पर आधारित होता है।

प्र. मूंग की बुवाई किस मौसम में की जाती है?

उ. मूंग की बुवाई मुख्य रूप से दो मौसमों में की जाती है:

  • गर्मी का मौसम (मार्च-अप्रैल)
  • खरीफ का मौसम (जून-जुलाई)

प्र. मूंग की फसल तैयार होने में कितना समय लगता है?

उ. मूंग की फसल गर्मी के मौसम में 60-70 दिन और खरीफ के मौसम में 70-90 दिन में तैयार हो जाती है।

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