साइट्रस जैसे नींबू, संतरा, और मौसंबी की फसलें किसानों के लिए आय का मुख्य स्रोत हैं। हालांकि, इन फसलों पर कई कीट और रोगों का प्रकोप होता है, जिनमें थ्रिप्स कीट और माइट्स प्रमुख हैं। इन कीटों से न केवल उत्पादन प्रभावित होता है, बल्कि फलों की गुणवत्ता और बाजार मूल्य भी घटता है। इस ब्लॉग में हम थ्रिप्स और माइट्स के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे।
थ्रिप्स कीट: परिचय और नुकसान
थ्रिप्स छोटे, पतले कीट होते हैं जो फसलों से रस चूसते हैं। ये मुख्य रूप से नई पत्तियों, कोमल टहनियों और फलों को प्रभावित करते हैं। थ्रिप्स के हमले से पत्तियों पर चांदी जैसे धब्बे, सूखापन और फलों पर भूरे रंग के दाग बनते हैं। इससे फलों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और उनकी बाजार में मांग घट जाती है।
थ्रिप्स की दवा
थ्रिप्स प्रबंधन के लिए निम्नलिखित उपाय कारगर साबित हो सकते हैं:
सांस्कृतिक उपाय:
- फसल चक्रण का पालन करें।
- खेत को साफ-सुथरा रखें और खरपतवार हटाएं।
- फसल के आस-पास घास और अन्य पौधों को नियंत्रित करें।
जैविक नियंत्रण:
- थ्रिप्स के प्राकृतिक शत्रु, जैसे लेडीबर्ड बीटल और ग्रीन लेसविंग को खेत में बढ़ावा दें।
- नीम का तेल (Neem Oil) या अजाडिरेक्टिन (Azadirachtin) का छिड़काव करें।
रासायनिक नियंत्रण:
- कात्यायनी स्पिनो 45 स्पिनोसैड 45% SC (50-60ml/acre) और IMD 178 इमिडाक्लोप्रिड 17.8%SL (60-80ml/acre))जैसे कीटनाशकों का उपयोग करें।
- रसायनों का उपयोग विशेषज्ञ की सलाह से करें और फसल कटाई से पहले उचित अवधि तक इंतजार करें।
निगरानी:
- पीले चिपचिपे जाल (Yellow Sticky Traps) का उपयोग करके थ्रिप्स की उपस्थिति का पता लगाएं।
- कीट की संख्या के आधार पर नियंत्रण के उपाय अपनाएं।
सिट्रस माइट्स
साइट्रस फसलों में माइट्स (Mites) एक आम तौर खतरनाक कीट हैं, जो पत्तियों, टहनियों और फलों को प्रभावित करते हैं। ये छोटे आकार के कीट पौधों से रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और फलों की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। माइट्स का प्रकोप उत्पादन को घटाने के साथ-साथ फसलों के बाजार मूल्य को भी कम करता है।
कीट
सिल्वर माइट डैमेज:
- पत्तियों और फलों पर चांदी जैसे चमकदार धब्बे।
- फलों की सतह खुरदरी हो जाती है।
रस्ट माइट डैमेज:
- फलों पर भूरे या पीले रंग के धब्बे।
- पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं।
लीफ डिस्टॉर्शन:
- पत्तियों का आकार खराब हो जाता है।
- पौधों की वृद्धि रुक जाती है।
साइट्रस माइट्स के नियंत्रण के उपाय:
सांस्कृतिक उपाय:
- खेत में नमी बनाए रखें, क्योंकि माइट्स शुष्क मौसम में अधिक फैलते हैं।
- प्रभावित पत्तियों और टहनियों को हटा दें।
- फसल चक्रण (Crop Rotation) अपनाएं।
जैविक नियंत्रण:
- परजीवी माइट्स, जैसे फाइटोसेलियस माइट्स (Phytoseiulus persimilis), का उपयोग करें।
- नीम का तेल Katyayani Activated Neem Oil 10000 ppm - 750ml/acre और अन्य जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें।
- माइट्स के प्राकृतिक शत्रु, जैसे हरे लेसविंग और लेडीबर्ड बीटल को बढ़ावा दें।
रासायनिक नियंत्रण:
- सल्फर आधारित कीटनाशक माइट्स नियंत्रण में प्रभावी होते हैं।
- KACIN Abamectin 1.9% EC Insecticide (150ml/acre)
- Katyayani Ozil - 150-200ml/acre जैसे माइटिसाइड्स का उपयोग करें।
FAQs:
Q. थ्रिप्स कीट क्या होते है?
A. थ्रिप्स छोटे, पतले कीट होते हैं जो फसलों से रस चूसते हैं।
Q. माइट्स कीट क्या होते है?
A. साइट्रस फसलों में माइट्स (Mites) एक आम और खतरनाक कीट हैं, जो पत्तियों, टहनियों और फलों को प्रभावित करते हैं।
Q. थ्रिप्स से फसल पर क्या प्रभाव पड़ता है?
A. इनके हमले से फसल की गुणवत्ता, उत्पादन और बाजार मूल्य प्रभावित होता है। थ्रिप्स कई प्रकार के रोग फैलाने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
Q. माइट्स से फसल पर क्या प्रभाव पड़ता है?
A. ये छोटे आकार के कीट पौधों से रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और फलों की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। माइट्स का प्रकोप उत्पादन को घटाने के साथ-साथ फसलों के बाजार मूल्य को भी कम करता है।
लेखक का नाम :- Tanishq Bhabya, एग्रीस्टूडेंट