How to Identify and Control Downy Mildew in Your Cucumber Crop

खीरे की फसल में डाउनी मिल्ड्यू रोग से सुरक्षा के प्रभावी उपाय

खीरे की फसल में डाउनी मिल्ड्यू एक हानिकारक रोग है, जो फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण पैदावार में कमी हो सकती है। इस लेख में, हम डाउनी मिल्ड्यू के लक्षणों, इसके प्रभाव और इस रोग से सुरक्षा के उपायों पर चर्चा करेंगे।

डाउनी मिल्ड्यू रोग क्या है?

डाउनी मिल्ड्यू एक फंगल रोग है, जो मुख्य रूप से खीरे, ककड़ी और अन्य क्यूर्बिटेसी परिवार की फसलों को प्रभावित करता है। यह रोग पत्तियों पर पीले धब्बे, सफेद पाउडर जैसी परत, और पत्तियों के झड़ने का कारण बनता है। तनों और फलों पर भी धब्बे दिखाई दे सकते हैं, जो फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में कमी का कारण बनते हैं।

डाउनी मिल्ड्यू के लक्षण:

  1. पत्तियों पर पीले धब्बे: पत्तियों पर पीले धब्बे दिखाई देते हैं।
  2. पत्तियों का झड़ना: पत्तियाँ झड़ने लगती हैं, और पौधे की वृद्धि धीमी होती है।
  3. तनों और फलों पर धब्बे: तनों और फलों पर भी धब्बे दिखाई देते हैं, जो फसल की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।

डाउनी मिल्ड्यू से सुरक्षा के प्रभावी उपाय:

फसल चक्र और स्वच्छता:

  • फसल चक्र अपनाएं: खीरा और ककड़ी की फसल को नियमित रूप से बदलें, जिससे रोग के प्रसार को रोका जा सकता है।
  • स्वच्छता बनाए रखें: खेत में स्वच्छता बनाए रखें, जिससे रोग के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।
  • पौधों के अवशेष हटाएं: पुराने पौधों के अवशेष हटाने से रोग के प्रसार को कम किया जा सकता है।

प्रतिरोधी किस्में और कीटनाशक का प्रयोग:

  • प्रतिरोधी किस्में चुनें: डाउनी मिल्ड्यू के प्रति प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें, जिससे रोग के फैलने की संभावना कम हो।
  • कात्यायनी बैक्सिल | बैसिलस सप्प 2% एएस : 1.5 - 2 लीटर प्रति एकड़ का छिड़काव करें।
  • कात्यायनी ऑल इन वन: 1.5-2 ग्राम/लीटर की मात्रा में उपयोग करें।

जैव/जैविक कीट/रोगों नियंत्रण के उपाय:

उत्पादों

जैव / जैविक

खुराक

कात्यायनी ऑल इन वन

जैविक फफूंदनाशी

1.5 - 2 ग्राम/लीटर

कात्यायनी बैक्सिल

जैव फफूंदनाशी

1.5-2 लीटर/ एकड़

कात्यायनी टायसन

जैव फफूंदनाशी

3 ग्राम/लीटर

स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस

जैव फफूंदनाशी

4 मिली/ लीटर पानी का प्रयोग करें

खीरे में डाउनी मिल्ड्यू नियंत्रण के उपाय क्या है

उत्पादों

तकनीकी नाम

खुराक

COC50

कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 डब्ल्यूपी

350-400 ग्राम/एकड़

के ज़ेब

मैनकोज़ेब 75% WP

350-400 ग्राम/एकड़

टेबुसुल

टेबुकोनाजोल 10% + सल्फर 65% WG

400 ग्राम/एकड़

समर्था

कार्बेन्डाजिम 12% मैंकोजेब 63% WP

350-400 ग्राम/एकड़

मेटा - मैनको

मेटलैक्सिल 8% + मैंकोजेब 64% WP

350-400 ग्राम/एकड़

निष्कर्ष:

डाउनी मिल्ड्यू एक गंभीर फंगल रोग है, जो खीरे की फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता पर नकारात्मक असर डाल सकता है। इसके लक्षणों में पत्तियों पर पीले धब्बे, सफेद पाउडर जैसी परत, और पत्तियों का झड़ना शामिल हैं। इस रोग से बचाव के लिए उपयुक्त कीटनाशकों का उपयोग और फसल चक्र अपनाना आवश्यक है। समय रहते प्रभावी उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और उत्पादन को बढ़ा सकते हैं।

डाउनी मिल्ड्यू से सम्बंधित सामान्य प्रश्न:

प्र. डाउनी मिल्ड्यू रोग के लक्षण क्या हैं?

उ. डाउनी मिल्ड्यू के लक्षणों में पत्तियों पर पीले धब्बे, सफेद पाउडर जैसी परत, और पत्तियों का झड़ना शामिल हैं।

प्र. खीरा की खेती के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त है?

उ. खीरा की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी उपयुक्त होती है।

प्र. डाउनी मिल्ड्यू रोग के कारण क्या होते हैं?

उ. डाउनी मिल्ड्यू रोग मुख्य रूप से एक फंगल संक्रमण के कारण होता है, जो नमी और आद्रता के कारण फैलता है।

लेखक का नाम - अनुज सनोरिया

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