चने की फसल का सही तरीके से उत्पादन बढ़ाने के लिए सही देखभाल और उचित समय पर सही उपायों का पालन करना आवश्यक है। खासतौर पर जब चने की फली में दाने भरने का समय होता है, तब यह समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। अगर इस समय पर हम थोड़ी सी भी लापरवाही करते हैं तो हमारी पूरी मेहनत बर्बाद हो सकती है। इसलिए, आज इस ब्लॉग में हम चने की फसल में बेहतरीन दाना भरने और अधिक उत्पादन के उपायों पर चर्चा करेंगे, ताकि आप अपनी उपज को दोगुना कर सकें।
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चने में अनाज के खराब विकास के लक्षण
- छोटे दाने: यदि फली में दाने छोटे और कमजोर हैं, तो इसका मतलब है कि पौधे को आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
- कमजोर पौधे: जब पौधे में विकास नहीं हो पाता और यह कमजोर लगता है, तो इसका मतलब यह है कि फसल को सही पोषण नहीं मिल रहा है।
- फलियों का गिरना: अगर पौधे में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो तो फलियां गिर सकती हैं, जिससे उपज में कमी हो सकती है।
- पत्तियों का पीला पड़ना: पोषक तत्वों की कमी, खासकर नाइट्रोजन या फास्फोरस की कमी, पत्तियों के पीले पड़ने का कारण बन सकती है, जिससे दाने भरने में रुकावट आ सकती है।
बेहतर अनाज भरने और उपज बढ़ाने के लिए नियंत्रण उपाय
- कात्यायनी भन्नाट - खुराक -250 मिली / एकड़ -जब चने की फली में छोटे दाने बनने लगते हैं, तो अमीनो एसिड आधारित उर्वरक, जैसे कि भन्नाट का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। यह पौधे की पूरी ऊर्जा को फली में दाना भरने में इस्तेमाल करता है, जिससे दाने मोटे और स्वस्थ बनते हैं।
- कात्यायनी प्रो ग्रो (जिबरेलिक एसिड 0.001% एल) - खुराक - 250 - 300 मिली/ एकड़ जिबरेलिक एसिड (0.001%) का उपयोग चने की फली की मोटाई बढ़ाने और चने की पैदावार को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह पौधे के विकास को गति प्रदान करता है और दानों की गुणवत्ता को सुधारता है।
- कात्यायनी नुट्रिशियस (ट्रायकॉन्टानॉल 0.1% ईडब्ल्यू) - खुराक - 250 - 300 मिली / एकड़ ट्रायकॉन्टानॉल 0.1% ईडब्ल्यू चने की फली के दाने की चमक बढ़ाता है और फसल की उपज बढ़ाने में सहायक होता है। यह फली के अंदर पोषक तत्त्वों को सही मात्रा में पहुंचाता है और पौधे की ऊर्जा को दाने भरने में लगा देता है।
- मिक्स माइक्रो नुट्रिएंट - 100 gm / Acreमिक्स मिक्रोनुट्रिएंट चने की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है और दाने के विकास में मदद करता है
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FAQs
1. चने की फसल में दाने छोटे और कमजोर क्यों रह जाते हैं?
चने की फली में दाने छोटे और कमजोर रहने का मुख्य कारण पोषक तत्वों की कमी, सिंचाई का अभाव, और पौधों पर तनाव (स्ट्रेस) हो सकता है। इसके लिए सही समय पर उर्वरकों और पोषक तत्वों का प्रयोग आवश्यक होता है।
2. चने की फसल में फूल झड़ने की समस्या क्यों होती है?
फूल झड़ने का कारण कई चीजें हो सकती हैं, जैसे कि अत्यधिक तापमान, नमी की कमी, पोषक तत्वों की कमी, या कीट और रोगों का हमला। इसे रोकने के लिए उचित सिंचाई, पोषण और कीटनाशक प्रबंधन करना जरूरी होता है।
3. चने की फसल में अधिक पैदावार के लिए कौन-कौन सी कृषि तकनीक अपनाई जानी चाहिए?
- चने की बुवाई के लिए उपयुक्त समय और जलवायु का ध्यान रखें।
- संतुलित पोषण प्रदान करें और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करें।
- पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए जैविक और रासायनिक उपाय अपनाएं।
- अधिक उपज के लिए अमीनो एसिड, जिबरेलिक एसिड, और ट्रायकॉन्टेनॉल जैसे उर्वरकों का सही समय पर प्रयोग करें।
4. चने की फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण चरण कौन सा होता है?
चने की फसल के लिए फूल से फली बनने और दाने भरने का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस समय पर यदि सही पोषक तत्व नहीं मिले, तो दाने छोटे रह सकते हैं और उत्पादन कम हो सकता है।
5. चने की फसल में मिक्स माइक्रो न्यूट्रिएंट क्यों जरूरी है?
मिक्स माइक्रो न्यूट्रिएंट फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है, जिससे पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं, पत्तियों की हरियाली बनी रहती है और दानों का सही विकास होता है।
6. चने की फसल में बीमारियों और कीटों से कैसे बचा जाए?
- चने की फसल में पत्तियों का मुरझाना, इल्ली का हमला, और फली छेदक जैसे कीट नुकसान पहुंचाते हैं।
- जैविक और रासायनिक कीटनाशकों का सही समय पर उपयोग करें।
- नियमित रूप से फसल का निरीक्षण करें और प्रारंभिक अवस्था में ही कीटों व बीमारियों का नियंत्रण करें।