गेंहू में कल्ले और फुटाव बढ़ाने का रामबाण उपाय: अधिक उपज के लिए सही तकनीक

गेंहू में कल्ले और फुटाव बढ़ाने का रामबाण उपाय: अधिक उपज के लिए सही तकनीक

गेंहू की फसल में कल्ले बढ़ाना उपज को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण पहलू है। अधिक कल्ले का मतलब है अधिक बालियां, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है। यह लेख गेंहू में कल्ले बढ़ाने के लिए आवश्यक तकनीकों, उर्वरकों, और कृषि प्रथाओं पर केंद्रित है।

कल्ले क्यों हैं गेंहू की उपज के लिए महत्वपूर्ण?

गेंहू में कल्ले फसल के विकास का आधार होते हैं। हर कल्ले में एक बाली बनती है, और बालियों की संख्या जितनी अधिक होगी, उत्पादन उतना ही बेहतर होगा। सही पोषण, सिंचाई और खेत की तैयारी से कल्ले की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।

मिट्टी की जांच और सही तैयारी: पहला कदम

  • मिट्टी की जांच: फसल बुवाई से पहले मिट्टी की जांच कराएं। मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की सही मात्रा होनी चाहिए।
  • खेत की तैयारी: गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बनाएं। यह जड़ों के अच्छे विकास में मदद करता है, जिससे कल्ले बढ़ने की संभावना बढ़ती है।

    उन्नत किस्मों का चयन: अधिक कल्ले के लिए सही बीज

    गेहूं की उन्नत किस्में 2967 HD, PBW 550, और WH 1105 को प्राथमिकता दें। ये किस्में अधिक कल्ले देने में सक्षम होती हैं और रोग प्रतिरोधी भी होती हैं।

    सटीक बुवाई तकनीक: कल्ले बढ़ाने का सही तरीका

    • बीज की दूरी: बीजों को 20 सेमी की दूरी पर बोएं ताकि पौधों को पर्याप्त स्थान मिल सके।
    • बीज की गहराई: बीजों को 4-5 सेमी की गहराई पर बोना चाहिए। गहराई सही होने से जड़ें मजबूत होती हैं।

      सिंचाई प्रबंधन: कल्ले बढ़ाने के लिए सही पानी की मात्रा

      • पहली सिंचाई: बुवाई के 21 दिन बाद पहली सिंचाई करें। यह पौधों में कल्ले बनने की प्रक्रिया को सक्रिय करता है।
      • सिंचाई अंतराल: फसल के हर प्रमुख चरण, जैसे कल्ले बनने और बालियां निकलने के समय पर सिंचाई करें।
      • उपयोग करें: कात्यायनी ह्यूमिक एसिड सिंचाई के साथ। यह मिट्टी की संरचना को सुधारता है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है।

        उर्वरकों का उपयोग: पोषण का सही संतुलन

        • नाइट्रोजन का महत्व: नाइट्रोजन कल्ले बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व है।पहली खुराक: बुवाई के समय दें।
        • दूसरी खुराक: पहली सिंचाई के साथ दें।
        • फॉस्फोरस और पोटाश: जड़ों और पौधों की मजबूती के लिए इनका सही अनुपात में इस्तेमाल करें।

          उपयोग करें: कात्यायनी NPK 19:19:19 पानी में घोलकर। यह संतुलित पोषण प्रदान करता है और फसल की वृद्धि में मदद करता है।

          • जैविक खाद का उपयोग: वर्मीकंपोस्ट और गोबर की खाद मिट्टी की संरचना सुधारने में मदद करती हैं।

            पौध संरक्षण: रोग और कीटों से बचाव

            • जड़ गलन और पत्ती झुलसा से बचाव: गेंहू की फसल में जड़ गलन और पत्ती झुलसा जैसे रोगों से बचाव के लिए कवकनाशी जैसे कार्बेन्डाजिम का उपयोग करें।
            • कीट नियंत्रण: चूहे और दीमक जैसे कीटों से बचने के लिए समय पर कीटनाशकों का उपयोग करें।

              उन्नत तकनीकों का उपयोग: उत्पादन बढ़ाने की नई सोच

              • ग्रोथ रेगुलेटर का उपयोग: पौधों में कल्ले बढ़ाने के लिए ग्रोथ रेगुलेटर जैसे कात्यायनी फास्ट का उपयोग करें।
              • स्प्रे तकनीक: नैनो यूरिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों का स्प्रे फसल की गुणवत्ता में सुधार करता है।

                निष्कर्ष: अधिक कल्ले, बेहतर उपज

                गेंहू में कल्ले बढ़ाने के लिए सही बीज, संतुलित पोषण, और समय पर सिंचाई का प्रबंधन करना जरूरी है। इन तकनीकों को अपनाकर किसान अपनी फसल की उपज में आसानी से वृद्धि कर सकते हैं।

                उत्पाद का नाम लक्ष्य खुराक
                ह्यूमिक एसिड मिट्टी की संरचना में सुधार, जड़ विकास को बढ़ावा देना, पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ाना 1-2 किलोग्राम प्रति एकड़
                भूमिराजा (माइकोराइजा) पौधों की जड़ों के साथ सहजीवी संबंध बनाकर पोषक तत्वों और पानी के अवशोषण में सुधार प्रति एकड़ 4-8 किलोग्राम
                NPK 19-19-19 सभी विकास चरणों में पौधों को आवश्यक नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटैशियम प्रदान करना 4-5 ग्राम प्रति लीटर
                मिक्स माइक्रो न्यूट्रिएंट सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना, पौधों की समग्र वृद्धि और उपज में सुधार 100 ग्राम प्रति एकड़

                अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

                Q. गेहूं में कल्ले बढ़ाने के लिए क्या करें?

                A. नाइट्रोजन युक्त उर्वरक जैसे कात्यायनी NPK 19:19:19 का उपयोग करें। जैविक खाद के लिए कात्यायनी ह्यूमिक एसिड का इस्तेमाल करें और संतुलित सिंचाई का ध्यान रखें। पौध संरक्षण के लिए समय पर कीटनाशक और फफूंदनाशक का प्रयोग करें।

                Q. गेहूं में अधिक फोटो (उपज) के लिए क्या करें?

                A. संतुलित पोषण, समय पर सिंचाई, कीट और रोग नियंत्रण, और उन्नत किस्मों का चयन करें। ग्रोथ रेगुलेटर का उपयोग भी मदद करता है।

                Q. गेहूं में कल कितने दिनों तक निकलते हैं?

                A. गेहूं में कल्ले बुवाई के 25-35 दिनों के बीच निकलने शुरू होते हैं और 50-60 दिनों तक बढ़ते रहते हैं। बेहतर कल्ले विकास के लिए: कात्यायनी मिक्स माइक्रो न्यूट्रिएंट

                Q. गेहूं में ज्यादा कल्ले कैसे पाएं?

                A. सही बीज चयन, उचित दूरी पर बुवाई, पहली सिंचाई 20-21 दिन बाद, और नाइट्रोजन की सही मात्रा से ज्यादा कल्ले मिलते हैं।

                Q. गेहूं में कौन सा स्प्रे करना चाहिए?

                A: नैनो यूरिया, सूक्ष्म पोषक तत्व (जैसे बोरॉन), और ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे फसल की वृद्धि को बढ़ाता है।

                Q. गेहूं की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म कौन सी है?

                A. गेहूं की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली उन्नत किस्में क्षेत्र और जलवायु पर निर्भर करती हैं। भारत में कुछ लोकप्रिय उच्च उपज देने वाली किस्में निम्नलिखित हैं:

                  • HD 2967: यह उत्तरी भारत के लिए उपयुक्त है और अधिक पैदावार देती है।
                  • PBW 550: इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है और यह उच्च गुणवत्ता के दाने देती है।
                  • WH 1105: यह किस्म सूखा प्रतिरोधी है और उपज बढ़ाने में मदद करती है।

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