Handle Powdery Mildew of Cumin | 5 Expert Tips for Better Yields

जीरे में पाउडरी मिल्ड्यू रोग का प्रबंधन

पाउडरी मिल्ड्यू एक सामान्य फंगल रोग है, जो कई प्रकार के पौधों को प्रभावित करता है और इसकी पहचान पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसी परत के रूप में होती है। यह मुख्य रूप से हवा द्वारा फैलने वाला रोग है, जो हवा में मौजूद बीजाणुओं (कॉनिडिया), सीधे संपर्क, और बीजों के माध्यम से फैलता है। पाउडरी मिल्ड्यू पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसी परत बनाता है, जिससे प्रकाश संश्लेषण में कमी होती है। यह पौधों की पोषक तत्वों को मिट्टी से अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे वृद्धि रुक जाती है और पैदावार में कमी आती है।

जीरे में पाउडरी फफूंदी

वर्गीकरण:

  • प्रभाव का प्रकार: रोग
  • सामान्य नाम: पाउडरी मिल्ड्यू
  • वैज्ञानिक नाम: Erysiphe polygoni
  • रोग का प्रकार: फंगल रोग
  • फैलने का तरीका: हवा द्वारा, सीधे संपर्क से, संक्रमित बीजों द्वारा
  • पौधे के प्रभावित भाग: पत्तियाँ, तना, फूल

रोग/कीट विकास के अनुकूल परिस्थितियां:

 

  • गर्म तापमान: यह रोग गर्म और शुष्क जलवायु में पनपता है, जहां रात में आर्द्रता अधिक और दिन में कम होती है। इसके विकास के लिए आदर्श तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है।
  • सघन फसल: अधिक घने खेतों में वायु प्रवाह कम हो जाता है, जो फंगस के विकास के लिए अनुकूल स्थिति बनाता है।
  • संवेदनशील किस्में: कुछ जीरे की किस्में पाउडरी मिल्ड्यू संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।

प्रारंभिक लक्षण:

सफेद पाउडर जैसी परत:

  • पत्तियों, तनों और फूलों पर सफेद पाउडर जैसी फंगल वृद्धि दिखाई देती है।
  • शुरुआत में छोटे धब्बे बनते हैं, जो धीरे-धीरे बड़े क्षेत्र को ढक लेते हैं।

पत्तियों का मुरझाना:

  • संक्रमित पत्तियां मुरझाने और सूखने लगती हैं।

गंभीर लक्षण:

विस्तृत पाउडरी कोटिंग:

  • रोग के बढ़ने पर सफेद पाउडर की परत पूरे पत्तों, तनों और अन्य भागों को ढक लेती है।

पत्तियों का पीला पड़ना:

  • प्रभावित पत्तियां पीली हो जाती हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण प्रभावित होता है और पौधे की संपूर्ण सेहत खराब हो जाती है।

पत्तियों का झड़ना:

  • प्रभावित पौधे समय से पहले अपनी पत्तियां खो देते हैं, जिससे पैदावार पर और असर पड़ता है।

जीरे में पाउडरी मिल्ड्यू रोग के नियंत्रण के उपाय:

उत्पाद का नाम तकनीकी नाम खुराक
Hexa 5 Plus हेक्साकोनाजोल 5% SC (Hexaconazole 5% SC) 200-250 मिली प्रति एकड़
KTM थायोफेनेट मिथाइल 70% WP (Thiophanate Methyl 70% WP) 250-600 ग्राम प्रति एकड़
Dr. Zole एजॉक्सीस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाजोल 18.3% SC (Azoxystrobin 11% + Tebuconazole 18.3% SC) 300 मिली प्रति एकड़
Concor डाइफेनोकोनाजोल 25% EC (Difenoconazole 25% EC) 120-150 मिली प्रति एकड़
Tebusul टेबुकोनाजोल 10% + सल्फर 65% WG (Tebuconazole 10% + Sulphur 65% WG) 400-500 ग्राम प्रति एकड़

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q. जीरे में पाउडरी मिल्ड्यू रोग क्या है?

A. पाउडरी मिल्ड्यू एक फंगल रोग है, जो जीरे के पौधों की पत्तियों, तनों और फूलों पर सफेद पाउडर जैसी परत बनाता है। यह हवा में मौजूद बीजाणुओं, सीधे संपर्क और संक्रमित बीजों के माध्यम से फैलता है। यह रोग प्रकाश संश्लेषण को कम करता है, पौधों को कमजोर करता है और उपज को घटाता है।

Q. जीरे में पाउडरी मिल्ड्यू के लक्षण क्या हैं?

  • पत्तियों, तनों और फूलों पर सफेद पाउडर जैसा कवक।
  • पत्तियों का मुरझाना और पीला पड़ना।
  • संक्रमित पौधों की पत्तियाँ समय से पहले झड़ना।
  • पौधों का अविकसित रहना और उपज में कमी।

Q. जीरे में पाउडरी मिल्ड्यू के लिए अनुकूल परिस्थितियां क्या हैं?

  • 20-30°C के बीच का गर्म तापमान।
  • रात में उच्च आर्द्रता और दिन में कम आर्द्रता।
  • घने खेत, जिसमें वायु प्रवाह कम हो।
  • संवेदनशील जीरे की किस्मों की खेती।

Q. पाउडरी मिल्ड्यू का जीरे के पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

  • प्रकाश संश्लेषण को कम करता है, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है।
  • पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित करता है, जिससे पौधों को कमजोर करता है।
  • फूलों और बीजों के निर्माण में बाधा डालकर उपज को कम करता है।

Q. पाउडरी मिल्ड्यू कैसे फैलता है?

A. पाउडरी मिल्ड्यू हवा में मौजूद बीजाणुओं (कोनिडिया), पौधों के बीच सीधे संपर्क और संक्रमित बीजों के माध्यम से फैलता है। गर्म और शुष्क मौसम इसकी वृद्धि को बढ़ावा देता है।

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