क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी फसल है जो बाजार में हमेशा ऊंचे दाम पर बिकती है और इसे उगाने में ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती है? जी हां, हम बात कर रहे हैं भिंडी की खेती की। यह फसल कम लागत में अधिक मुनाफा देती है और कुछ ही महीनों में आपको अच्छी कमाई करवा सकती है। इस लेख में हम आपको भिंडी की खेती की पूरी जानकारी देंगे।
खेत की तैयारी
- खेत में देसी खाद डालना अनिवार्य है।
- प्रति एकड़ दो ट्रॉली गोबर खाद या वर्मी कंपोस्ट डालें।
- मिट्टी को अच्छी तरह जोतकर समतल बनाएं।
बीज की बुवाई
- बुवाई के लिए 2.5-3 किलो बीज प्रति एकड़ की जरूरत होती है।
- बुवाई मेड या बेड पर करें।
- एक मेड से दूसरी मेड की दूरी 1 फीट होनी चाहिए।
- बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें, ज्यादा पानी से बीज सड़ सकते हैं।
खाद एवं उर्वरक प्रबंधन
- बेसल डोज में एक एकड़ के लिए 15-20 किलो डीएपी और 2 किलो ह्यूमिक एसिड का प्रयोग करें।
- 25-30 दिन की फसल पर मैग्नीशियम सल्फेट 10 किलो, यूरिया 15 किलो, और एमओपी 5 किलो प्रति एकड़ प्रयोग करें।
- 50 दिन की भिंडी की फसल पर कात्यायनी एनपीके 12:61:00 - 750 ग्राम / एकड़ छिड़काव करें। और कैल्शियम नाइट्रेट -450 ग्राम /एकड़ और बोरॉन 200 ग्राम /एकड़ छिड़काव करें।
कीट एवं रोग प्रबंधन
भिंडी की फसल को सफेद मक्खी, इल्ली, और अन्य कीटों से बचाना जरूरी है।
- सफेद मक्खी से बचने के लिए कात्यायनी के- ऐसप्रो | एसिटामिप्रिड 20% एसपी - 80 ग्राम /एकड़ का छिड़काव करें।
- इल्ली नियंत्रण के लिए कात्यायनी प्रोप्सिप (प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4%) - 300 मिली / एकड का छिड़काव करें।
- फफूंद जनित रोगों से बचाने के लिए कात्यायनी समर्था फफूंदनाशी (कार्बेन्डाजिम 12% मैंकोजेब 63% WP) - 350 - 400 ग्राम /एकड़ या कात्यायनी प्रोपी प्रोपिनेब 70% WP - 400 ग्राम /एकड़ का प्रयोग करें।
सिंचाई प्रबंधन
- बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें।
- गर्मियों में सप्ताह में दो बार सिंचाई करें।
- सिंचाई में पानी का ठहराव ना होने दें।
तुड़ाई और पैदावार
- भिंडी की पहली तुड़ाई 60-70 दिन के अंदर शुरू हो जाती है।
- सही देखभाल करने पर 60-70 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन मिल सकता है।
लागत और मुनाफा
- अगेती भिंडी की खेती में 20,000-25,000 रुपये प्रति एकड़ लागत आती है।
- बाजार मूल्य के अनुसार भिंडी ₹10-50 प्रति किलो बिकती है।
- सही समय पर बिक्री करने पर 1.5-2.5 लाख रुपये प्रति एकड़ मुनाफा कमाया जा सकता है।
निष्कर्ष
अगर आप अगेती भिंडी की खेती को सही तकनीकों के साथ अपनाते हैं तो कम समय में शानदार मुनाफा कमा सकते हैं। खेत की सही तैयारी, खाद प्रबंधन और कीट नियंत्रण से आप अपनी फसल का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बढ़ा सकते हैं।
FAQS
प्रश्न: भिंडी की बुवाई का सही तरीका क्या है?
उ. भिंडी की बुवाई मेड या बेड पर करनी चाहिए। मेड से मेड की दूरी 1 फीट और पौधों की दूरी 6 इंच होनी चाहिए। बुवाई के लिए 2.5 से 3 किलो बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होते हैं।
प्रश्न: भिंडी की फसल में शुरुआती अवस्था में कौन-कौन से पोषक तत्व देने चाहिए?
उ. जब पौधे 15-20 दिन के हो जाएं तो सीवीड एक्सट्रेक्ट और मिक्स माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का छिड़काव करें। इससे पौधों की ग्रोथ तेज होती है और फूल-फल जल्दी आते हैं।
प्रश्न: भिंडी की पहली तुड़ाई कब होती है?
उ. भिंडी की पहली तुड़ाई बुवाई के 60-70 दिन बाद शुरू हो जाती है। फसल लगभग 3-4 महीने तक उत्पादन देती है।
प्रश्न: भिंडी की फसल में शुरुआती अवस्था में कौन-कौन से पोषक तत्व देने चाहिए?
उ. जब पौधे 15-20 दिन के हो जाएं तो सीवीड एक्सट्रेक्ट और मिक्स माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का छिड़काव करें। इससे पौधों की ग्रोथ तेज होती है और फूल-फल जल्दी आते हैं।
प्रश्न: भिंडी में कौन सा खाद डालना चाहिए
उ. भिंडी की अच्छी पैदावार के लिए कात्यायनी एनपीके 12:61:00 (750 ग्राम/एकड़), कैल्शियम नाइट्रेट (450 ग्राम/एकड़) और बोरॉन (200 ग्राम/एकड़) का छिड़काव करें