फ्यूजेरियम विल्ट एक कवकीय रोग है जो फ्यूजेरियम प्रजाति के फंगस के कारण होता है, और इससे फसल उत्पादन में 80% तक की हानि हो सकती है। यह रोग पौधों में घाव, प्राकृतिक छिद्र या जड़ों के माध्यम से प्रवेश करता है। संक्रमित बीजों से भी इसका प्रसार होता है। फ्यूजेरियम फंगस जड़ों के माध्यम से पौधे की जड़ प्रणाली में प्रवेश करता है और पौधे की जल और पोषक तत्व परिवहन प्रणाली (जाइलम) को बाधित करता है, जिससे पौधा सूखने लगता है और अंततः मर सकता है।
वर्गीकरण:
- संक्रमण का प्रकार: रोग
- सामान्य नाम: फ्यूजेरियम विल्ट
- वैज्ञानिक नाम: Fusarium oxysporum
- रोग का वर्ग: कवकीय रोग
- प्रसार का तरीका: घाव, प्राकृतिक छिद्र, जड़ें, संक्रमित बीज
- प्रभावित पौधे के भाग: जड़ें, तना, संवहनी ऊतक, पत्तियां
रोग के विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां
- गर्म तापमान: यह रोग 20°C से 30°C के बीच के तापमान पर तेजी से विकसित होता है।
- मध्यम मिट्टी की नमी: अत्यधिक नमी के बजाय मध्यम नमी कवक के विकास को बढ़ावा देती है।
- मिट्टी का पीएच: थोड़ा अम्लीय मिट्टी (पीएच 5.5-6.5) फ्यूजेरियम विल्ट के लिए अनुकूल होती है।
जीरा में फ्यूजेरियम विल्ट के लक्षण
- पौधों का मुरझाना: गर्म मौसम में पौधों का अचानक मुरझाना।
- पत्तियों का पीला पड़ना: सबसे पहले निचली पत्तियां पीली होती हैं, फिर पूरा पौधा पीला हो जाता है।
- तने के संवहनी ऊतकों में भूरा रंग: तने को काटने पर संवहनी ऊतकों में भूरी धारियां दिखती हैं।
- विकास में कमी: प्रभावित पौधों की वृद्धि कमजोर और अवरुद्ध होती है।
जीरा में फ्यूजेरियम विल्ट नियंत्रण के उपाय
जैविक नियंत्रण:
- कात्यायनी टायसन (ट्राइकोडर्मा विराइड 1% WP) मात्रा: 1-2 किग्रा प्रति एकड़
रासायनिक नियंत्रण:
- कात्यायनी COC50 (कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP): मात्रा: 500 ग्राम प्रति एकड़
- कात्यायनी समर्थ (कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63%): मात्रा: 500 ग्राम प्रति एकड़
- कात्यायनी KTM (थायोफेनेट मिथाइल 70% WP): मात्रा: 500 ग्राम प्रति एकड़
जीरे में फ्यूजेरियम विल्ट रोग के नियंत्रण के उपाय:
उत्पाद | तकनीकी नाम | खुराक |
---|---|---|
टायसन | ट्राइकोडर्मा विराइड 1% WP | 1-2 किग्रा/एकड़ |
COC50 | कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP | 500 ग्राम/एकड़ |
समर्था | कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% | 500 ग्राम/एकड़ |
KTM | थायोफेनेट मिथाइल 70% WP | 500 ग्राम/एकड़ |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. फ्यूजेरियम विल्ट क्या है?
A. फ्यूजेरियम विल्ट एक कवकीय रोग है जो पौधों के जड़ और संवहनी ऊतकों को प्रभावित करता है।
Q. यह रोग कैसे फैलता है?
A. यह घाव, प्राकृतिक छिद्र, संक्रमित बीज और जड़ों के माध्यम से फैलता है।
Q. फ्यूजेरियम विल्ट के लक्षण क्या हैं?
A. पौधों का मुरझाना, पत्तियों का पीला पड़ना, तने के संवहनी ऊतकों में भूरी धारियां और विकास में कमी शामिल हैं।
Q. यह रोग किन परिस्थितियों में अधिक होता है?
A. गर्म तापमान (20°C-30°C), मध्यम नमी और अम्लीय मिट्टी (पीएच 5.5-6.5) में यह रोग अधिक होता है।
Q. इस रोग के जैविक नियंत्रण के उपाय क्या हैं?
A. कात्यायनी टायसन (ट्राइकोडर्मा विराइड 1% WP) का उपयोग 1-2 किग्रा प्रति एकड़ करें।
Q. रासायनिक नियंत्रण के लिए कौन-से उत्पाद उपयोगी हैं?
A. कात्यायनी COC50, कात्यायनी समर्था, और कात्यायनी KTM जैसे उत्पाद उपयोगी हैं।
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