प्याज में झुलसा रोग: शुरुआती संकेत और उपचार

प्याज में झुलसा रोग: शुरुआती संकेत और उपचार

प्याज (Allium cepa) एक व्यापक रूप से उगाई जाने वाली फसल है, जिसमे 14 से 21 दिन में झुलसा रोग (Blight)दिखाई देने लगते है। इस रोग के कारण पत्तियों में छोटी अंडाकार या गोलाकार सफेद या भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है, जिससे फसल की उपज और गुणवत्ता में कमी आती है। फसल को बचाने के लिए इस रोग का समय पर पता लगाना और सही उपचार करना बेहद जरूरी है। इस लेख में, हम प्याज में झुलसा रोग के शुरुआती लक्षण और इसके उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

झुलसा रोग क्या है?

झुलसा रोग, एक फफूंदजनित रोग है  जिसे कृषि विज्ञान में "प्याज का झुलसा" कहा जाता है, जो विशेषकर प्याज के पत्तों को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर Alternaria porri या Pyrenochaeta terrestris जैसे फफूंदों के कारण उत्पन्न होता है। यह उच्च तापमान और नमी के स्तर में तेजी से फैलता है।

झुलसा रोग के शुरुआती लक्षण

झुलसा रोग को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि उचित समय पर उपचार किया जा सके। इसके कुछ प्रारंभिक संकेत निम्नलिखित हैं:

  1. पत्तियों का रंग बदलना: झुलसा रोग का सबसे पहला लक्षण प्याज की पत्तियों का रंग बदलना होता है। सामान्यतः, पत्तियाँ पीले या भूरे रंग की हो जाती हैं।
  2. पत्तियों का मुरझाना: इसके बाद पत्तियों की स्थिति खराब होती जाती है। वे मुरझाने लगती हैं और उनकी वृद्धि रुक जाती है।
  3. धब्बे और घाव: पत्तियों पर सफेद या भूरा धब्बे दिखाई देने लगते हैं। ये धब्बे धीरे-धीरे बढ़ सकते हैं और पत्तियों पर घाव बनने का कारण बन सकते हैं।
  4. कंद का सड़ना: बीमारी के बढ़ने पर प्याज के कंद सड़ने लगते हैं, जिससे फसल पूरी तरह बर्बाद हो सकती है।

प्याज में झुलसा रोग का समाधान

झुलसा रोग के रोकथाम के लिए निम्नलिखित उत्पादों का उपयोग करें:

  1. Katyayani Samartha: यह फफूंदी नाशक, इस रोग के शुरुआती / प्रारंभिक अवस्था में जाता है|
  2. Katyayani Meta Manco:  यह फफूंदी नाशक, इस रोग के दूसरी अवस्था में जाता है|
  3. Katyayani Azoxy:  यह फफूंदी नाशक, इस रोग के तीसरी अवस्था में जाता है|
  4. Katyayani Dr. Zole:  यह फफूंदी नाशक, इस रोग के चौथी अवस्था में जाता है|
  5. Katyayani Azozole: यह फफूंदी नाशक, इस रोग के पाँचवी / आखिरी अवस्था में जाता है|

झुलसा रोग को रोकने के लिए अन्य उपाय

  • खेत में जल निकासी सुनिश्चित करें।
  • संक्रमित पौधों को तुरंत हटा दें।
  • फसल चक्र का पालन करें।
  • उपयुक्त उत्पादों का सही खुराक के साथ सही समय पर उपयोग करें।

उत्पाद और प्रति एकड़ डोज़ /खुराक


उत्पाद

तकनीकी नाम

खुराक

Stage

रोपाई के बाद स्प्रे

Katyayani Samartha

कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोज़ेब 63% WP

1 ग्राम/लीटर पानी

1st Stage

15- 30 Days

Katyayani Meta Manco

मेटालाक्सिल 8% + मैनकोज़ेब 63% WP

2 ग्राम/लीटर पानी

2nd Stage

30- 45 Days

Katyayani Azoxy

एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 23% SC

2 मिली/लीटर पानी

3rd Stage

45- 55 Days

Katyayani Dr. Zole

एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% SC

2 मिली/लीटर पानी

4th Stage

55- 70 Days

Katyayani Azozole

एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 18.2 % + डिफ़ेनोकोनाज़ोल 11.4 % SC

1.5मिली/लीटर पानी

5th Stage

70- 90 Days

निष्कर्ष

प्याज में झुलसा रोग फसल को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है, लेकिन सही पहचान और उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। Katyayani Samartha, Katyayani Azoxy, Katyayani Meta Manco, Katyayani Dr. Zole और Katyayani Azozole जैसे उत्पादों का सही खुराक के साथ सही समय पर उपयोग करना फसल को रोगमुक्त और उपजाऊ बनाए रखने में मदद करता है। नियमित निगरानी और सही प्रबंधन झुलसा रोग से फसल बचाने के लिए आवश्यक हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


प्रश्न 1: प्याज में झुलसा रोग की दवा कौन सी है?

उत्तर:  प्याज में झुलसा रोग को नियंत्रित करने के लिए Katyayani Samartha, Katyayani Azoxy, Katyayani Meta Manco, Katyayani Dr. Zole और Katyayani Azozole 1`का उपयोग प्रभावी है। ये फंगीसाइड्स फसल को रोगमुक्त बनाते हैं।

प्रश्न 2:  प्याज में झुलसा रोग के लक्षण कैसे पहचानें?

उत्तर: प्याज की फसल में झुलसा रोग के लक्षण:

  • पत्तियों का पीला या भूरा होना।
  • पत्तियों पर सफेद या भूरे धब्बे दिखना।
  • पत्तियों का मुरझाना और सूखना।
  • कंद का सड़ना और गंध आना।

प्रश्न 3: झुलसा रोग प्याज को कितना नुकसान पहुंचा सकता है?

उत्तर:  झुलसा रोग पत्तियों और कंद को प्रभावित करता है, जिससे उपज में कमी आती है। गंभीर संक्रमण में कंद सड़ने लगते हैं, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो सकती है।

प्रश्न 4. क्या झुलसा रोग का जैविक समाधान है?

उत्तर: हां, झुलसा रोग के लिए जैविक प्रबंधन में खेत की सफाई, फसल चक्र और जल निकासी जैसे उपाय शामिल हैं। हालांकि, फंगीसाइड्स का सही उपयोग अधिक प्रभावी है।

प्रश्न 5. फंगीसाइड का उपयोग कब करें?

उत्तर: फंगीसाइड का उपयोग रोग के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर तुरंत करें। नियमित अंतराल पर खुराक के अनुसार फंगीसाइड्स का छिड़काव करें।

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