भारत के किसानों को आर्थिक मजबूती और आधुनिक तकनीकों से जोड़ने के लिए सरकार ने नई योजनाओं की शुरुआत की है। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को बीज, खाद और कृषि उपकरणों तक आसान पहुंच मिल रही है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल, पीएम किसान समृद्धि केंद्र, और कृषि यंत्र अनुदान योजना जैसी पहलें किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही हैं। आइए, इन योजनाओं को विस्तार से जानें और समझें कि ये किसानों के लिए किस प्रकार फायदेमंद हो सकती हैं।
1. GeM पोर्टल पर बीजों की नई श्रेणियाँ: अब घर बैठे खरीद सकेंगे किसान
किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने बीजों की ऑनलाइन खरीद को बेहद आसान बना दिया है। GeM पोर्टल पर अब 170 श्रेणियों में 8,000 से अधिक प्रकार के बीज उपलब्ध हैं। इस पहल का उद्देश्य है कि किसान आसानी से उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की खरीद कर सकें, जिससे फसल की उत्पादकता में बढ़ोतरी हो। GeM पोर्टल पर सभी बीजों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है, जिससे किसान अपनी जरूरतों के अनुसार सही चयन कर सकते हैं।
इस सुविधा के जरिए किसान अपने घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर का उपयोग करके सीधे प्रमाणित बीज खरीद सकते हैं, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और उन्हें उचित दाम पर उत्पाद मिल पाता है। GeM पोर्टल पर बीज खरीदने की प्रक्रिया बहुत सरल और सुलभ है, जिससे छोटे से छोटे किसान भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं और समय तथा पैसे की बचत कर सकते हैं।
2. पीएम किसान समृद्धि केंद्र और व्हाट्सएप पर खेती का आधुनिक प्रशिक्षण
किसानों को खाद-बीज और कृषि उपकरणों तक आसान पहुंच देने के लिए सरकार ने पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना की है। इन केंद्रों पर किसान अपनी फसल के लिए जरूरी खाद, उर्वरक, कीटनाशक, और जैविक खाद जैसी चीजें खरीद सकते हैं। इसके अलावा, खेती के उन्नत उपकरण जैसे ट्रैक्टर, पावर टिलर, थ्रेसर, और रीपर भी यहां उपलब्ध होते हैं, जो किसानों के लिए फसल उत्पादन को अधिक कुशल और लाभदायक बनाते हैं।
आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार ने व्हाट्सएप पर किसानों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सेवा भी शुरू की है। व्हाट्सएप के माध्यम से किसान कृषि विशेषज्ञों से सीधे संपर्क कर सकते हैं, अपने सवाल पूछ सकते हैं, और खेती के आधुनिक तरीकों को सीख सकते हैं। इससे दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों के किसान भी कृषि के नए और प्रभावी तरीकों को आसानी से अपना सकते हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
3. कृषि यंत्र अनुदान योजना: चैन हार्वेस्टर पर 55% सब्सिडी
किसानों के लिए फसल कटाई को सरल और कुशल बनाने के उद्देश्य से सरकार ने कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत चैन हार्वेस्टर जैसे उन्नत यंत्रों पर 55% तक की सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। चैन हार्वेस्टर की सहायता से धान की कटाई का कार्य तेजी से हो सकता है, जिससे किसानों को समय और श्रम की बचत होती है। इस योजना का उद्देश्य है कि किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग कर अपने कृषि कार्यों को सरल और समयबद्ध तरीके से पूरा कर सकें।
कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत चैन हार्वेस्टर के अलावा अन्य यंत्रों पर भी सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जैसे कि रोटावेटर, पावर टिलर, थ्रेसर और सीड ड्रिल। इन यंत्रों का उपयोग करने से न केवल समय की बचत होती है बल्कि फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है। किसानों को इन उपकरणों का लाभ उठाने के लिए कृषि विभाग के स्थानीय कार्यालय में आवेदन करना होता है या ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी उपलब्ध है।