मूंगफली की खेती भारतीय कृषि में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, लेकिन इसके साथ कई प्रकार के रोग और कीट समस्याएं जुड़ी होती हैं। इन समस्याओं में तना सड़न रोग एक गंभीर चुनौती बनकर उभरता है, जो मूंगफली की उत्पादकता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
मूंगफली में तना सड़न रोग क्या है?
तना सड़न (Stem Rot) एक फंगल रोग है जो मूंगफली के पौधों के तनों और जड़ों पर हमला करता है। यह रोग Sclerotium rolfsii नामक फंगस के कारण होता है, जो नमी वाले वातावरण में तेजी से फैलता है। यह रोग पौधों की जड़ों और तनों में सड़न पैदा करता है, जिससे पौधों का विकास रुक जाता है और फसल का नुकसान होता है।
तना सड़न के लक्षणों को कैसे पहचानें?
तना सड़न के लक्षणों को जल्दी पहचानना महत्वपूर्ण है ताकि उपचार सही समय पर किया जा सके। इसके प्रमुख लक्षण हैं:
- तनों का सड़ना: तने में भूरी या सफेद रंग की सड़न दिखती है, जो धीरे-धीरे पौधों को प्रभावित करती है।
- पत्तियों का मुरझाना: पौधों की पत्तियाँ सिकुड़कर मुरझा जाती हैं, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है।
- फूलों का गिरना: संक्रमित पौधों पर फूल जल्दी गिरने लगते हैं, जिससे उपज में कमी आती है।
- स्लाइम जैसी संरचनाएं जो तने के आस-पास दिखाई देती हैं, जो संक्रमण को दर्शाती हैं।
तना सड़न रोग को कैसे नियंत्रित करें ?
कात्यायनी KTM (थायोफिनेट मिथाइल 70% WP) एक प्रभावी फंगीसाइड है जो तना सड़न रोग को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक लाभकारी है। यह मूंगफली में तना सड़न से प्रभावी रूप से निपटता है। Katyayani KTM के उपयोग के फायदे इस प्रकार हैं:
- यह रोग के फंगल संक्रमण को नियंत्रित करता है और पौधों को स्वस्थ बनाए रखता है।
- इसमें थायोफिनेट मिथाइल तत्व है, जो फंगस की वृद्धि को रोकता है और पोषक तत्वों का सही तरीके से अवशोषण सुनिश्चित करता है।
- यह न केवल तना सड़न को नियंत्रित करता है बल्कि अन्य फंगल रोगों को भी रोकता है।
कात्यायनी KTM का सही उपयोग:
- Katyayani KTM का घरेलू उपयोग के लिए 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। बड़े स्तर पर उपयोग के लिए, 250 ग्राम प्रति एकड़ (रोग की गंभीरता के आधार पर) फोलियर स्प्रे के रूप में उपयोग करें।
- उपचार का समय: यह स्प्रे फसल की वृद्धि के पहले दो सप्ताह में करना सबसे अच्छा होता है, और यदि रोग का असर बढ़ जाए तो इलाज को पुनः दोहराया जा सकता है।
- सावधानी: इसे रात या सुबह के समय स्प्रे करें ताकि सूर्य की गर्मी से बचा जा सके।
कात्यायनी KTM के लाभ
- व्यापक नियंत्रण: यह फंगीसाइड मूंगफली के तना सड़न जैसे गंभीर रोगों पर प्रभावी नियंत्रण प्रदान करता है।
- लंबे समय तक प्रभावी: यह पौधों के तंत्र में लंबे समय तक कार्य करता है, जिससे फसल को बार-बार उपचार की आवश्यकता नहीं होती।
- सुरक्षित और प्रभावी: Katyayani KTM का उपयोग पौधों और पर्यावरण के लिए सुरक्षित होता है और यह बिना किसी नुकसान के रोगों से राहत प्रदान करता है।
कात्यायनी KTM क्यों है बेहतर विकल्प?
कात्यायनी KTM एक सुरक्षित और प्रभावी समाधान है, जो न केवल तना सड़न रोग को नियंत्रित करता है, बल्कि मूंगफली की उत्पादकता को भी बढ़ाता है। इसका उपयोग करने से किसान अपनी फसल में रोगों के प्रभाव को कम कर सकते हैं और अधिक स्वस्थ, उच्च गुणवत्ता वाली मूंगफली प्राप्त कर सकते हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल और खेतों के लिए सुरक्षित है, जो टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. मूंगफली में तना सड़न रोग क्या है?
A. तना सड़न रोग एक फंगल संक्रमण है जो मूंगफली के तनों और जड़ों में सड़न पैदा करता है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन में गिरावट आती है।
Q. मूंगफली में तना सड़न को कैसे नियंत्रित करें?
A. मूंगफली में तना सड़न को नियंत्रित करने के लिए कात्यायनी KTM (थायोफिनेट मिथाइल 70% WP) का उपयोग करें, जो फंगल संक्रमण को प्रभावी तरीके से रोकता है।
Q. तना सड़न रोग के लक्षण क्या हैं?
A. तना सड़न के लक्षणों में तनों में सड़न, पत्तियों का मुरझाना, फूलों का गिरना और स्लाइम जैसी संरचनाएं बनना शामिल हैं।
Q. कात्यायनी KTM का उपयोग कैसे करें?
A. Katyayani KTM का घरेलू उपयोग के लिए 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। बड़े स्तर पर उपयोग के लिए, 250-600 ग्राम प्रति एकड़ (रोग की गंभीरता के आधार पर) फोलियर स्प्रे के रूप में उपयोग करें।
Q. कात्यायनी KTM (थायोफिनेट मिथाइल 70% WP) कहाँ से खरीदें?
A. इस उत्पाद को आप कृषि सेवा केंद्र से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। जो किसानों को उन्नत और प्रभावी कृषि उत्पाद प्रदान करता है।
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