Metarhizium Anisopliae: प्रमुख जैविक कीटनाशक |
आज के लेख में किसान भाइयों, Metarhizium Anisopliae जैविक कीटनाशक की चर्चा की जाएगी, जिसमें Metarhizium Anisopliae का सर्वोत्तम उपयोग और फसलों में कीटों के नियंत्रण के लिए डोज़ की विस्तारित चर्चा की जाएगी।
सबसे अच्छा जैविक कीटनाशक Metarhizium Anisopliae |
प्रमुख जैविक कीटनाशक
अब हम जानेंगे कि मेटारिज़ियम अनिसोप्लिया क्या है और आज यह कैसे किसानों की प्रमुख पसंद बन गया है -
सर्वोत्तम जैविक कीटनाशक Metarhizium Anisopliae [Metarhizium Anisopliae
मेटारिज़ियम अनिसोप्लिया एक ऐसा जैविक कीटनाशक है, जिसका उपयोग लगभग 300 कीट प्रजातियों के खिलाफ किया जाता है। यह विभिन्न प्रकार की फसलों, फलों और सब्जियों में आनेवाले फली बेड़क, फल छेदक, पत्ती लपेटक, पत्ती खाने वाले कीट, दीमक, सफेद लट्ट, थ्रिप्स, घास और पौधों के टिड्डे, एफिड, सेमीलूपर, कटवर्म, पाइरिल्ला, मिलीबग आदि के नियंत्रण में किया जाता है। इसके spore काफी नमी में कीट के शरीर पर अंकुरित हो जाते हैं, जो त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करके उनकी वृद्धि करते हैं, और यह फफूंदी परपोषी कीट के शरीर को खा जाती है, जिसके कारण कीट मर जाता है और पहले कीट के शरीर के जोंड़ों पर सफेद रंग की फफूंद दिखाई देती है, जो बाद में गहरे हरे रंग में बदल जाती है।
जैविक कीटनाशक Metarhizium Anisopliae से नियंत्रित कीट -
मेटारिज़ियम अनिसोप्लिया विभिन्न प्रकार की फसलों, फलों और सब्जियों में आनेवाले फली बेड़क, फल छेदक, पत्ती लपेटक, पत्ती खाने वाले कीट, दीमक, सफेद लट्ट, थ्रिप्स, घास और पौधों के टिड्डे, एफिड, सेमीलूपर, कटवर्म, पाइरिल्ला, मिलीबग आदि को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
जैविक कीटनाशक Metarhizium Anisopliae के उपयोग और लाभ -
- जैविक कीटनाशक Metarhizium Anisopliae से फसल में होने वाले नकरात्मक प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है।
- जैविक कीटनाशक Metarhizium Anisopliae का उपयोग करने से वातावरण का प्रदूषण नहीं होता।
- जैविक कीटनाशक Metarhizium Anisopliae का उपयोग करने से कीटनाशकों का प्रभाव पूरी तरह से होता है और कीटों के प्रति प्रतिरोध भी विकसित नहीं होता।
- मेटारिज़ियम अनिसोप्लिया से 200 से भी अधिक प्रकार के कीटों का नियंत्रण किया जा सकता है।
जैविक कीटनाशी Metarhizium Anisopliae की मात्रा -
- यदि हम खेती में खड़ी फसलों के पत्तों पर छिड़काव की बात करें, तो 2-2.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना उचित होता है और भूमि में नमी आनी चाहिए।
- यदि किसान भाइयों को मृदा में देना हो, तो एक एकड़ में उपयोग के लिए 2 लीटर प्रति एकड़, 200 लीटर पानी में मिलाकर उपयोग करना उपयुक्त होता है।
- यदि संभव हो, तो किसान भाइयों को ड्रेंचिंग, ड्रिप, या बहाव विधियों से अधिक फायदेमंदी से उपयोग करना चाहिए, विशेषकर मृदाजनित कवकिय रोगों के नियंत्रण के लिए।