मार्च - अप्रैल में बोई जाने वाली फसल से लाखो कमाये - कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाली खेती

मार्च - अप्रैल में बोई जाने वाली फसल से लाखो कमाये - कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाली खेती

मार्च - अप्रैल में उगाई जाने वाली फसलें किसानों के लिए कम समय में अच्छा उत्पादन और मुनाफा देने वाली होती हैं। इन फसलों की खेती कम पानी और कम लागत में की जा सकती है। दलहनी और सब्जी वर्गीय फसलें गर्मियों के मौसम में अधिक लोकप्रिय होती हैं, क्योंकि इनकी बाजार में मांग सालभर बनी रहती है। सही समय पर बुवाई, उचित देखभाल और कीट व रोग प्रबंधन से किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।

मार्च - अप्रैल में बोई जाने वाली फसलें

दलहनीय वर्गीय - मूंग, उड़द

सब्जियाँ वर्गीय - भिंडी, लौकी, तोरई, गिल्की, टमाटर, मिर्च, बैंगन, धनियाँ, खीरा, ककड़ी, करेला, टिंडा

फसलों में आने वाले रोगो के लक्षण-

मूंग

मूंग एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है, जिसे दाल, अंकुरित अनाज और हरी फली के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिज तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। मूंग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में सहायक है, क्योंकि इसकी जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्षमता होती है।

बीज दर: 8 - 10 kg / Acre

बुवाई समय:

  • मार्च से अप्रैल (गर्मी मौसम)

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: हरा तेला, सफेद मक्खी
  • रोग: पीला मोजेक, चूर्णी फफूंद

प्रबंधन:

  • नीम तेल का छिड़काव करें।
  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

औसत उत्पादन: 5-6 quantal / Acre

उड़द:

उड़द एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है, जो प्रोटीन और विटामिन का अच्छा स्रोत है। यह फसल मिट्टी की उर्वरता सुधारने में भी मदद करती है। उड़द की दाल भारतीय व्यंजनों में प्रमुख स्थान रखती है।

बीज दर: 8 - 10 kg / Acre

बुवाई समय: मार्च से अप्रैल

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: माहू, सफेद मक्खी
  • रोग: पीला मोजेक वायरस, जड़ सड़न

प्रबंधन:

  • नीम आधारित कीटनाशकों का प्रयोग करें।
  • पीला मोजेक रोग से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

औसत उत्पादन: 5 - 6 Quantal / Acre

2. सब्जियाँ वर्गीय फसलें

भिंडी

भिंडी एक प्रमुख गर्मी की सब्जी है, जो विटामिन ए, सी और फाइबर का अच्छा स्रोत है। यह कम समय में तैयार होने वाली फसल है, जिसकी बाजार में मांग अधिक रहती है। और इसके अच्छे दाम मिलते हैं।

बीज दर: 2.5 - 3 kg / Acre

बुवाई समय: फरवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: फल छेदक, सफेद मक्खी
  • रोग: पीला मोजेक, चूर्णी फफूंद

प्रबंधन:

  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
  • जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें।

उपज: 4-6 टन प्रति एकड़

लौकी

लौकी एक पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी है, जिसमें कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी होते हैं। यह पाचन तंत्र को मजबूत करती है और वजन घटाने में सहायक होती है। गर्मी के मौसम में इसकी मांग अधिक होती है। लगातार मांग के कारण लौकी किसानों के लिए स्थिर लाभ सुनिश्चित करती है।लौकी की बेल तेजी से बढ़ती है और कम समय में उत्पादन देना शुरू कर देती है।

बीज दर: 500 - 600 gm / Acre

बुवाई समय:

फरवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: लाल भृंग, फल मक्खी
  • रोग: डाउनी मिल्ड्यू, फ्यूजेरियम विल्ट

प्रबंधन:

  • जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।

उपज: 15-20 टन प्रति एकड़

तोरई और गिल्की

तोरई एक बेल वाली सब्जी है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिज तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। जिसकी बाजार में मांग अधिक रहती है। और इसके अच्छे दाम मिलते हैं।

बीज दर: 500 - 600 gm / Acre

बुवाई समय:

  • फरवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: लाल भृंग, फल मक्खी
  • रोग: डाउनी मिल्ड्यू

प्रबंधन:

  • जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें।
  • सल्फर आधारित फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।

उपज: 12-15 tons per acre

टमाटर

टमाटर दुनिया भर में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली सब्जी फसल है। इसमें विटामिन सी, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। टमाटर का उपयोग सब्जी, सूप, सॉस, केचप और सलाद के रूप में किया जाता है।

बीज दर: 40 - 60 gm / Acre

बुवाई समय:

  • जनवरी से फरवरी

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: फल छेदक, सफेद मक्खी
  • रोग: झुलसा रोग, पीला मोजेक वायरस

प्रबंधन:

  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
  • नीम तेल का छिड़काव करें।उपज: 10 tons / Acre

खीरा और ककड़ी

परिचय:

खीरा और ककड़ी शरीर को ठंडक देने वाली फसलें हैं, जिनमें विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में होते हैं। खीरा और ककड़ी एक ऐसी सब्जी है, जिसकी शुरुआती बाजार आवक के दौरान उच्च मांग रहती है, जिससे प्रीमियम मूल्य मिलता है।

बीज दर:

  • 3-4 किग्रा प्रति हेक्टेयर

बुवाई समय:

  • फरवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: फल मक्खी
  • रोग: डाउनी मिल्ड्यू

प्रबंधन:

  • फेरोमोन ट्रैप का प्रयोग करें।
  • जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें।

उपज: 20 टन प्रति एकड़

धनिया

धनिया एक प्रमुख मसाला फसल है, जिसे हरी पत्तियों और सूखे बीजों के लिए उगाया जाता है। इसकी पत्तियाँ विटामिन सी और आयरन का अच्छा स्रोत होती हैं। धनिया की खेती कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा देती है। बाजार में इसके दाम भी अधिक मिलते थे

बीज दर : 8 - 10 kg / Acre

बुवाई समय:

  • फरवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: माहू
  • रोग: पाउडरी मिल्ड्यू

प्रबंधन:

  • नीम तेल का छिड़काव करें।
  • सल्फर आधारित फफूंदनाशक का उपयोग करें।

मिर्च (Chili)

मिर्च मसाला फसलों में प्रमुख स्थान रखती है, जिसे सब्जी, मसाले और औषधीय रूप में उपयोग किया जाता है। मिर्च में विटामिन ए, सी और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। ये बाजार में बहोत ज्यादा दाम में बिकती है

बीज दर: 60 - 80 gm / Acre

बुवाई समय:

  • जनवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: सफेद मक्खी, थ्रिप्स
  • रोग: पाउडरी मिल्ड्यू, मिर्च मोजेक वायरस

प्रबंधन:

  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
  • जैविक कीटनाशकों (नीम तेल) का छिड़काव करें।

उपज: 15 - 20 quantal / Acre

2. बैंगन (Brinjal)

बैंगन एक लोकप्रिय सब्जी है, जिसका उपयोग भारतीय व्यंजनों में व्यापक रूप से किया जाता है। इसमें कैल्शियम, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं।

बीज दर: 60 - 80 gm / Acre

बुवाई समय:

  • जनवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: फल एवं फूल छेदक कीट, सफेद मक्खी
  • रोग: विल्ट रोग, बैक्टीरियल ब्लाइट

प्रबंधन:

  • नीम तेल का छिड़काव करें।
  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

करेला (Bitter Gourd)

करेला एक औषधीय सब्जी है, जो मधुमेह, पाचन और वजन घटाने में सहायक होती है।

बीज दर: 500 - 800 gm / Acre

बुवाई समय:

  • फरवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: लाल भृंग, फल मक्खी
  • रोग: डाउनी मिल्ड्यू, पाउडरी मिल्ड्यू

प्रबंधन:

  • फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करें।
  • जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें।

5. टिंडा (Round Gourd)

परिचय:

टिंडा एक लोकप्रिय गर्मियों की बेल वाली सब्जी है, जिसमें फाइबर और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होते हैं।

बीज दर: 500 - 800 gm / Acre

बुवाई समय:

  • फरवरी से मार्च

मुख्य कीट और रोग:

  • कीट: फल मक्खी, लाल भृंग
  • रोग: डाउनी मिल्ड्यू

प्रबंधन:

  • जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
  • बोर्डो मिश्रण का छिड़काव करें।

निष्कर्ष:

गर्मियों में उगाई जाने वाली फसलें किसानों के लिए कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली होती हैं। इन फसलों की सही समय पर बुवाई, उन्नत किस्मों का चयन और उचित देखभाल से किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। जैविक खेती अपनाकर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।

किसानों के लिए सुझाव:

  • बीज उपचार अवश्य करें।
  • जैविक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग करें।
  • सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन अपनाएं।
  • कीट और रोगों के प्रबंधन के लिए जैविक विधियों को प्राथमिकता दें।

मार्च-अप्रैल में उगाएं लाभदायक फसलें - FAQs

Q. मार्च-अप्रैल में कौन-सी फसलें उगाई जा सकती हैं?

A. मूंग, उड़द, भिंडी, लौकी, तोरई, गिल्की, टमाटर, मिर्च, बैंगन, धनिया, खीरा, ककड़ी, करेला और टिंडा।

Q. सबसे जल्दी तैयार होने वाली फसल कौन-सी है?

A. मूंग, भिंडी, खीरा और ककड़ी 40-50 दिनों में तैयार हो जाते हैं।

Q. कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलें कौन-सी हैं?

A. मूंग, उड़द, लौकी, करेला, खीरा और मिर्च।

Q. गर्मी में कौन-सी सब्जियां उगाना फायदेमंद है?

A. भिंडी, लौकी, तोरई, टमाटर, बैंगन, मिर्च, ककड़ी और धनिया।

Q. दलहनी फसलों में कौन-सी सबसे ज्यादा फायदेमंद है?

A. मूंग और उड़द, क्योंकि ये मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के साथ अच्छा उत्पादन देती हैं।

Q. फसलों को कीट और रोगों से कैसे बचाएं?

A. नीम तेल का छिड़काव करें, जैविक कीटनाशक और फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करें।

Back to blog
1 of 4