Garmi Mein Hare Dhaniya Ki Kheti Kaise Karein

गर्मी में हरी धनिया की खेती से लाखों कमाएं, सिर्फ 40 दिन में!

हरा धनिया (Coriander) एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है, जिसकी बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है। यदि सही समय पर और सही तकनीक से इसकी खेती की जाए, तो किसान भाइयों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। इस ब्लॉग में हम हरा धनिया की खेती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार से समझेंगे।

अप्रैल में हरी धनिया की खेती कैसे करें

हरा धनिया का बाजार मूल्य और मांग

  • हरा धनिया की कीमत ₹100 से लेकर ₹400 प्रति किलो तक जाती है।
  • इसकी मांग पूरे 12 महीने बनी रहती है, लेकिन मई, जून और जुलाई में यह सबसे अधिक होती है।
  • इन महीनों में अधिक गर्मी और बारिश की वजह से उत्पादन कम होता है, जिससे बाजार में इसकी कीमत बढ़ जाती है।
  • अगर आप मार्च के अंत से अप्रैल के अंत तक धनिया की बुवाई करते हैं, तो मई के मध्य तक आपकी फसल कटाई के लिए तैयार हो जाएगी, जिससे आपको अधिक लाभ मिल सकता है।

बुवाई का सही समय

  • मार्च के अंतिम सप्ताह से अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक बुवाई करें।
  • मई के बाद बुवाई करने से तापमान बढ़ने के कारण अंकुरण कम हो सकता है।

मिट्टी की तैयारी और खाद प्रबंधन

  • पहले की फसल की अवशेषों को हटाकर खेत में रोटावेटर चलाएं।
  • जैविक खाद के रूप में 2-3 ट्रॉली गोबर खाद या 5-6 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट डालें।
  • रासायनिक खाद में 20 किलो यूरिया डालें। फास्फोरस और पोटाश के लिए प्रोम (फॉस्फोरस रिच ऑर्गेनिक खाद) और ऑर्गेनिक पोटाश उर्वरक का उपयोग करें।
  • गर्मी में नमी बनाए रखने के लिए डीएपी और एमओपी की जगह जैविक खाद का उपयोग करें।

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बीज का चयन और बुवाई प्रक्रिया

  • बेहतर अंकुरण के लिए बीज को दो से तीन टुकड़ों में विभाजित करें।
  • बीज को 20-44 घंटे पानी में भिगोकर छाया में सुखाएं, जिससे अंकुरण क्षमता बढ़े।

बीज दर:

  • मार्च-अप्रैल में बुवाई: 8-12 किलो प्रति एकड़।
  • मई में बुवाई (अधिक तापमान होने पर): 17-25 किलो प्रति एकड़।

बुवाई के तरीके:

  • ब्रॉडकास्टिंग (छिड़काव विधि)
  • सीड ड्रिल विधि (पंक्ति विधि)

सिंचाई प्रबंधन

  • बुवाई के तुरंत बाद सिंचाई करें।
  • मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करें, जिससे नमी संतुलित बनी रहे।
  • फ्लड इरिगेशन से बचें, क्योंकि इससे अत्यधिक नमी के कारण अंकुरण खराब हो सकता है।

पहला स्प्रे (20-30 दिन तक)

लाभ और मुनाफा

  • हरा धनिया की खेती में ₹10,000-₹15,000 तक लागत आती है।
  • उचित देखभाल और सही समय पर बाजार में बेचने से ₹4 लाख तक मुनाफा हो सकता है।

निष्कर्ष

यदि आप हरा धनिया की खेती करना चाहते हैं, तो सही समय पर बुवाई करें, जैविक खादों का अधिक उपयोग करें, सिंचाई और स्प्रे प्रबंधन पर ध्यान दें। इस तरह आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

यदि यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अन्य किसान भाइयों के साथ जरूर साझा करें!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q. गर्मी में हरे धनिया की खेती कैसे करें?

A. गर्मी में अच्छी धनिया की खेती के लिए मार्च-अप्रैल में बुवाई करें, जैविक खाद (गोबर खाद/वर्मी कम्पोस्ट) मिलाएं और मिनी स्प्रिंकलर से सिंचाई करें। बीज को 20-44 घंटे भिगोकर अंकुरण बढ़ाएं। सही पोषण और रोग नियंत्रण से धनिया की खेती से लाभ अधिक हो सकता है।

Q. हरा धनिया की बुवाई का सही समय क्या है?

A. हरा धनिया की खेती के लिए मार्च के अंत से अप्रैल के अंत तक का समय सबसे उपयुक्त है।

Q. गर्मी में धनिया की फसल सुरक्षित रखने के लिए कौन सा सिंचाई तरीका अपनाएं?

A. गर्मी में धनिया की फसल सुरक्षित रखने के लिए मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम सबसे अच्छा सिंचाई तरीका है, क्योंकि यह मिट्टी में नमी बनाए रखता है और फसल को सूखने से बचाता है।

Q. धनिया की खेती में कौन-कौन से खाद और उर्वरक का उपयोग करना चाहिए?

A. जैविक खाद (गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट), 20 किलो यूरिया, प्रोम और ऑर्गेनिक पोटाश का उपयोग करें।

Q. बेहतर अंकुरण के लिए धनिया बीज कैसे तैयार करें?

A. बीज को 20-44 घंटे पानी में भिगोकर छाया में सुखाएं और दो से तीन टुकड़ों में विभाजित करके बुवाई करें।

Q. हरी धनिया की खेती की लागत और मुनाफा कितना है?

A. लगभग ₹10,000-₹15,000 की लागत आती है और सही प्रबंधन से ₹4 लाख तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।

Q. हरे धनिया की पत्तियां पीली क्यों पड़ती हैं?

A. हरे धनिया की पत्तियां माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (नाइट्रोजन, जिंक, आयरन) की कमी से पीली पड़ती हैं। इसे रोकने के लिए मिक्स माइक्रोन्यूट्रिएंट का उपयोग करें।

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